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पृष्ठ:Duhindisyllabus2022.pdf/८५

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सेमेस्टर - 3 हिंदी की मौखिक और लोक-साहित्य परंपरा Discipline Specific Elective (DSE) Credits: 4 Course Nature Total Component Eligibility Pre-requisite of Credit Criteria of the course Lecture Tutorial Practical Course (If any) हिंदी की डीएसई 4 3 1 0 12th Pass Nil मौखिक और (DSE1) लोक-साहित्य परंपरा पाठ्यक्रम का उद्देश्य (Course Objective): > लोक साहित्य परंपरा के माध्यम से भारतीय लोक-जीवन से परिचित कराना > लोक साहित्य परंपरा के माध्यम से भारतीय लोक-संस्कृति के विविध पक्षों को समझाना पाठ्यक्रम अध्ययन के परिणाम (Course Learning Outcomes): > भारतीय जीवन की लोकधारा का परिचय प्राप्त होगा पर्यटन, लोक संगीत और नृत्य में रुचि विकसित होगी इकाई - 1 : मौखिक साहित्य की परंपरा और उसके विविध रूप • मौखिक साहित्य का विकास और लिखित साहित्य से संबंध (12 घंटे) • साहित्य के विविध रूप : खेल, तमाशा, लोक-गीत, लोक-कथा, मुकरियाँ, पहेलियाँ, बुझौवल और मुहावरे, लोकगाथाएँ, लोकनाट्य आदि का सामान्य परिचय • हिंदी प्रदेश की जनपदीय बोलियाँ और उनका साहित्य (संक्षिप्त परिचय) इकाई - 2 : लोकगीत : वाचिक और मुद्र • सांस्कृतिक बोध और लोकगीत • संस्कार गीत: (12 घंटे) > सोहर - अवधी (हिंदी प्रदेश के लोकगीत - कृष्ण देव उपाध्याय, साहित्य भवन, इलाहाबाद, पृष्ठ 110- 111) → यज्ञोपवीत - भारतीय लोक-साहित्य : परंपरा और परिदृश्य - विद्या सिन्हा, पृष्ठ 88-89 > विवाह भोजपुरी - भारतीय लोक-साहित्य परंपरा और परिदृश्य - विद्या सिन्हा, पृष्ठ 116 > ऋतु संबंधी गीत - बारहमासा, होली, चैती, कजरी का सामान्य परिच