पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/११९

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ज़ाती है। इस रेखाके समिप ८० से कुछ अधिक तापमन है। ६०' की उष्याता दर्शक रेखा ४५' उ श्र के पास इससे मिलती है। कुछ उत्तर मे ज़ानेपर इसकी श्रमेरिकाकी श्रपेझा योरपक ओर कुछ अधिक है। ५०० पुरसा गहराईके नीचे समशीतोष्या - दर्शक - रेखाये ही रहती है। झार - अन्य महासागरोकी अपेझा ज़ल अधिक खारा भाग २०' से ३०' उ श्र मे हे। भुमध्य रेखाके पासका ज़ल उतना खारा नही था। ज़्यो ज़्यो यह उत्तर महासागरोके निकट होता ज़ाता है इसके ज़लका खागपन भी कम होता गय है। इन सब बातोके अतिरिक्त ज़लका खागपन मित्र ऋतुओ तथा प्रत्येक वर्ष कम अधिक होता रहता है। वायु - मान - इस महासागरमे हवा नियमित - रुप से बहती है। अफ्रीका ओर अमेरिका के मध्य अटलाटिकका भाग बहुत कुछ सकुचित होनेके कारण हवा सदा एक ही रुपसे बहती है।