पृष्ठ:Gyan Kosh vol 1.pdf/२२५

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धर्मसंतति ज्ञानकोश (अ) २०१ अधर्मसंतति इभी नहीं कहा जा सकता कि कैथोलिक साम्प्रदाय दिखायी देता है। पेरिस के सम्बन्धमै तो कारण लों की नैतिक सभ्यता श्रेष्ट है और वह ऐसी यह है कि वहाँ मजदूर पेशा लोग अधिक हैं और न्तानोत्पत्तिको रोकती है, क्योंकि पूर्ण प्रोटेस्टेट उनमें होनेवाले स्त्रीपुरुषोंके संसर्गको सरकार इलैण्ड और स्काटलैंडकी अपेक्षा ओस्ट्रिया, अथवा धर्मधुरीण नहीं मानते। क्सनी, बवेरिया में अधर्म सन्तति का प्रमाण (४) गरीबी अथवा बराबर अकाल पड़नेसे धिक है। दो बिल्कुल भिन्न-एक क्रिश्चियन और अधर्म सन्ततिके, प्रमाणमें बढ़ती नहीं होसकती। सरा क्रिश्चियनेतर देशोंमें इसकी तुलना करनेपर उत्तरी आयर्लेण्ड बहुत संपन्न है। किन्तु वहाँ । उस तुलनासे क्रिश्चयनदेशोंमें उससे लाभ नहीं प्रतिवर्ष जारज सन्तानोत्पत्तिका प्रमाण दक्षिण ता। उदाहरणके लिये जापान को लीजिये। और पश्चिमके अकालपीड़ित भागोंसे अधिक हाँ १६०२ में कुल जनसंख्या के साथ अधर्म | रहता है। दिये हुए कोष्टक से दिखायी देगा न्तितिका प्रमाण फी हजार ३० था। अर्थात् कि लंदन जैसे बड़े शहरके जिस भागमें गरीब रपके पांच राष्ट्रो (तीन कैथोलिक और दो लोग रहते हैं वहाँ यह अनीति कम दिखायी देती टेस्टेंट) की अधर्म सन्तति का प्रमाण जापान है। यह बात हर साल दिखायी देती है। लन्दन की अपेक्षा अधिक था। यह ध्यानमें रखने की शहरके कुछ भागोके आँकड़ों की तुलना निस्सदेह त है कि खास इङ्गलैण्डके नार्कोक और हियर मनोरंजक है। इस शहरमें ऊँचे दर्जेके लोग मोर्ड परगनोंमें १८ से १६०२ यानी चार वर्षों में 'वेस्टएंड' में और गरीब लोग 'ईस्टएंड' में रहते गरज सन्तति की जो संख्या थी वही जापानके हैं। नीचे की हजार पैदाइशमें जारजसन्तानो- त्तिर और मध्य प्रातोंकी थी। तत्तिका प्रमाण दिया जाता है। (२) अधर्म सन्ततिके प्रमाणमें फरक डालने लंदन १६०१ १६०२ १६०३ १६०४१६०५ ने शिक्षा भी सहायक नहीं होती। जहाँ निरक्षरता अधिक है वहाँ साक्षर जनता की अपेक्षा यह ईस्टएंड प्रमाण अधिक नहीं दिखायी देता। फ्रांसमें स्टेपने १९ १० १८ दिखायी देगाकि पेरिसके अलावा जहाँ निरक्षरता वेश्नलग्रीन अधिक है वहाँ अधर्म सन्तति का प्रमाण माइलएंड बहुत कम है। (पुरानाशहर) (३) कुल जनसंख्याके साथ अधर्म सन्तति ह्वाइट चैपेल का प्रमाण बड़े शहरों की अपेक्षा अन्य भागोमे । वेस्टएंड अधिक होता है। उदाहरणके लिये इङ्गलैंडके तीन सेटजार्ज ४० बड़े शहरों और तीन परगनोंके जारजसंतानोत्पत्ति इनोवरस्क्वायर का प्रमाण प्रति दस हजार पीछे यो है- कसिंगटन फुलहैम ४३ ४३ ४२/४५ स्थान १६०१ १६०२ १६०३ १६०४ १६०५ ४५ सेंटमेरिलेबोन १-२ | १८१ १८५ १८॥ १६८ - शहर . किसी सम्पूर्ण राष्ट्र में या उसके खास भागमें लंदन - ३७ ३६ 'बरमिंधम ३३ अधर्म सन्तति उत्पन्न करनेकी प्रवृत्तिमें जो अन्तर दिखायी देता है उसका सच्चा कारण वंशपरंपरा- मैंचेस्टर :७ । ३२, ३२ ३५ ३० गत प्रमाण है। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई अतर्कनीयशक्ति किसी समाजको दूसरे - कंबलैंड समाजकी अपेक्षा दुराचार की ओर अधिक खींच . नारफोक ६ ले जाती है। मतलब केवल उतना ही है कि भिन्न नार्थ वेल्स / 8६० ५६ ५% | ६० भिन्न राष्ट्रोको और समाजों को-यह मानते हुए कि इग्लैंडको छोड़ कर अन्य स्थानों में यह नियम सबमें कुप्रवृत्ति एक ही तरह की होती है-रोकने विपरीत दिखायी देता है। पेरिस, वापना, बर्लिन वाली शक्ति का प्रभाव सबके ऊपर समान रूपसे और अन्य राजधानियों में उनके आसपास वाले | | नहीं रहता। दुराचार को रोकनेवाली सबसे जिलोकी अपेक्षा अधर्म संततिका प्रमाण अधिक प्रबल शक्ति है लोकापवाद। जिस समाजमे ३८ - परगना २६