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बयान मैंने लिखने तथा अपने कार्यालय जाकर सील करने के उपरान्त उसी दिन न्यायालय में सम्प्रेषित नहीं किया । यह स्पष्ट है कि मृतका का मृत्युपूर्व बयान अंकित किये जाने से पूर्व मृतका के परिजन वार्ड में मौजूद रहे थे। प्रदर्श क- 15 मैंने मृतका का मृत्युपूर्व बयान अंकित किये जाते समय ही तैयार नहीं किया था बल्कि बाद में सी0एम0ओ0 साहब के आफिस में तैयार किया था, जिस समय प्रदर्शक - 15 तैयार किया गया था उस समय वहाँ मृतका नहीं थी ।


19.साक्षी पी0डब्लू0 - 7 सरला देवी, हेड कांस्टेबल, थाना चन्दपा ने अपने सशपथ बयान में कथन किया है कि दिनाँक 22.09.2020 को दीवान श्री महेश पाल ने मुझे मेडिकल रिपोर्ट लेने के लिए अलीगढ़ मेडिकल अस्पताल भेजा था। मैंने मेडीकल रिपोर्ट के लिए अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज में प्रार्थनापत्र सी0एम0ओ0 ऑफिस में कर दिया था। उसी बीच में दीवान जी ने फोन किया कि सी०ओ० सादाबाद श्री ब्रह्म सिंह वहाँ पहुंच रहे हैं, आप वहीं पर रहना । सी0ओ0 साहब के आने के बाद मैं उनके साथ आई0सी0यू0 वार्ड में गयी, जहाँ पीड़िता भर्ती थी। वहाँ पर और तीन-चार पेसेन्ट थे। मैंने सी०ओ० साहब के कहने पर पीड़िता का बयान लिया व सी०ओ० साहब ने वीडियों बनायी थी। पीड़िता से पूछने पर उसने बताया मैं और मेरी मम्मी चारा लेने खेत में गये थे, वहाँ पर चार लड़के सन्दीप, रामू लवकुश और रवि ने मुझे पकड़ लिया व मेरे साथ बलात्कार किया। उस समय मम्मी थोड़ी दूर पर थी। मैंने पूछा कि आपने पहले बयान में बलात्कार का जिक्र नही किया और एक ही लड़के का नाम लिया कि उसने मेरा गला दबाया पुरानी रंजिश की वजह से उस पर पीड़िता ने बताया की पहले मुझे होश नही था इसलिए नहीं बताया। इस दौरान वहाँ पर मैं, सी०ओ० साहब तथा उनके पेशकार पीड़िता एवं उनकी मम्मी थे। दिनाँक 24.09.2020 को मैं अलीगढ़ अस्पताल से पाँच छोटे लिफाफे, जो सील्ड थे, को चन्दपा थाने लेकर आयी थी और जी०डी० में दर्ज करने के बाद दीवान जी को दे दी, उसके बाद मैं वापस अलीगढ़ चली गयी। दिनाँक 28.09.2020 को पीड़िता की तबीयत खराब होने की वजह से उसे डॉक्टरों द्वारा दिल्ली रेफर किया गया था । मैं, पीड़िता के भाई सन्दीप व उसके पिताजी भी एम्बूलेंस मे पीड़िता के साथ थे एवं एम्बूलेंस में ऑक्सीजन देने वाला ऑपरेटर भी था । हम 01:00 बजे के आस-पास दिल्ली पहुंच गये थे। जमील व प्रमोद शर्मा दूसरी गाड़ी में थे । पीड़िता को सफदरगंज के आई०सी०यू० और तबीयत खराब होने के कारण उसी रात मैं वापस आ गयी थी। पीड़िता बयान लिखवाने के दौरान होश में थी व सही से बोल पा रही थी। बयान लिखने के दौरान सी0ओ0 साहब, पेशकार