पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/५४

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पी0डब्लू0-15 डा0 फैयाज अहमद ने अपनी प्रतिपरीक्षा में मुख्य रूप से यह कथन किया है कि यह सही है कि कागज संख्या 6अ / 142 में पीडिता को स्टैंगुलेशन की हिस्टी के साथ भर्ती किया था, इसके अलावा अन्य कोई हिस्टी पेपर्स में लिखी हुई नहीं है। दिनांक 22.09.2020 को पीडिता का इग्जामिनेशन किया, उसकी रिपोर्ट हमने तैयार की थी। रिपोर्ट मेरे हैण्डराईटिंग में नहीं है। रिपोर्ट डा० कासिफ अली की हैण्डराईटिंग में है, जो पत्रावली पर कागज संख्या 63/ 128 से 6अ / 137 तक मौजूद है। यह सही है कि कागज संख्या 63/137 में कॉलम 16 के नीचे यह नोट अंग्रेजी में अंकित है "पेसेन्ट डिड नॉट गेव ऐनी हिस्ट्री ऑफ सेक्सुअल एसाल्ट एट द फर्स्ट टाईम ऑफ एडमिशन टू द हास्पीटल. शी टोल्ड एबाउट द इन्सीडेंट फर्स्ट टाईम ऑन 22.09.2020” यह नोट बिन्दु ए से चिन्हित किया गया। पेपर नम्बर 63 / 108 मैंने देखा था, यह वह पत्र है, जिसके द्वारा न्यूरोसर्जरी विभाग ने हमारे विभाग को पीडिता का सेक्सुअल एसाल्ट परीक्षण कराने हेतु अनुरोध किया था। इस पत्र को मैंने पढा था, यह पत्र दिनांक 22.09.2020 को 11:00 ए. एम. पर हमारे विभाग को प्रेषित किया गया था। इस पत्र में यह अंकित है कि "एबब मेन्शन पेसेंट विद एबब मेन्शन डाईग्नोसिस ऐज एडमिटेड टू अवर साईड । प्रीवियसली पेसेंट एण्ड पेसेंट अटेंडेंड नॉट गिविंग हिस्टी आफ रेप बट नाउ पेसेंट अटेंडेंड गिविंग अटेम्ट टू रेप | यह नोट बिन्दु 20ए चिन्हित किया गया। यह सही है। कि शुरूआत में स्टैंगुलेशन की हिस्टी के अलावा अन्य किसी चोट की हिस्ट्री नहीं दी गयी । विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार पीडिता के साथ कोई भी वेजाईनल / एनल इण्टरकोर्स का चिन्ह दृष्टिगोचर नहीं हुआ था । साक्षी पी0डब्लू0 - 16 डा० डालिया रफात, असिस्टेण्ट प्रोफेसर, स्त्री रोग विभाग, जे०एन०एम०सी० अलीगढ़ ने अपने सशपथ बयान में कथन किया है कि मैं वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जे.एन. मेडिकल कालेज के स्त्रीरोग विभाग में असिस्टेण्ट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत हूँ। इस प्रकरण से सम्बन्धित पीडिता दिनांक 14.09.2020 को ओ.पी.डी. कैजुअल्टी नं0-सी46578 के द्वारा दाखिल हुई थी तथा गले में स्टेंगुलेशन की शिकायत थी। दिनांक 22.09.2020 को करीब 11:30 बजे दिन हमारे स्त्रीरोग विभाग को लिखित रिक्यूजिशन न्यूरो सर्जरी विभाग से प्राप्त हुआ था कि किसी दुष्कर्म पीडिता का मेडिकल एग्जामिनेशन होना है। पीडिता की जॉच के लिये हमारे गाइनो डिपार्टमेन्ट एवं विधि विज्ञान विभाग की संयुक्त टीम बनायी गयी थी और उसी दिन हम लोगों ने 12:30 बजे पीडिता का परीक्षण किया । हम गाइनो वालों ने