पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/७१

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32. 71 मजिस्टेट हाथरस के समक्ष पानी बहाकर गन्दगी करने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया था या नहीं। मेरी मौजूदगी में इस सम्बन्ध में कोई जाँच नहीं हुई । मेरी पत्नी ने मुझे यह बताया था कि जहाँ पीडिता पडी थी वहाँ लवकुश की मॉ मुन्नी देवी व लवकुश भी पहुंच गये थे। पोस्टमार्टम के पश्चात हमें 11:00-11:30 बजे के लगभग हमारी पुत्री का शव मिल गया था। मैंने ऊपर यह बयान दिया है कि उसके पश्चात हमें 11:00-11:30 बजे बेटी का शव प्राप्त हो गया था, सही नहीं है । हमें सिर्फ पुत्री का शव दिखाया गया। यह सही है कि मैंने अपने फोन पर आये फोन से सम्बन्धित नम्बर सन्दीप के पिता गुड्डू को एक कागज पर लिखकर दिया हो तथा गुड्डू से शिकायत की थी। साक्षी पी0डब्लू0-20 डा० गौरव सिंह अभय, सीनियर रेजीडेण्ट, न्यूरो सर्जरी विभाग, वी. एम. एम. सी. एण्ड सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली ने अपने सशपथ बयान में कथन किया है कि मैंने इस प्रकरण से सम्बन्धित पीड़िता को उसके 28.09.2020 को हमारे अस्पताल में भर्ती होने पर देखा था तथा उसे उचित इलाज दिया था । उसे हमारे अस्पताल में जे. एन.एम.सी., अलीगढ़ से रेफरल के बाद हमारे अस्पताल के ई.आर. 1 में लगभग 01:30 बजे दिनांक 28.09.2020 को लाया गया था। उसके साथ उसका भाई तथा अन्य परिवारजन आये थे, कुछ यू०पी० पुलिस अधिकारी भी उसके साथ आये थे । मैंने जब उसकी जांच की तो पाया कि उसका ब्लड प्रेशर कम था तथा 80 / 40 था तथा उसके खून में ऑक्सीजन की मात्रा 50 प्रतिशत थी। हमने उसे उपचार दिया तथा आवश्यकतानुसार उसका ई.टी. ट्यूब ब्लॉक होने के कारण दूसरा ट्यूब लगाया गया, उसकी स्थिति बहुत गम्भीर थी । उसे अस्पताल लाने पर अन्तरिम उपचार देने के बाद स्थिति थोड़ी स्थिर होने पर उसे न्यूरो आई.सी.यू. में शिफ्ट किया गया। गम्भीर स्थिति होने के कारण वरिष्ठ डा० दीपांकर सिंह मनकोटिया, जो डिपार्टमेण्ट ऑफ न्यूरो सर्जरी के एसोसिएट प्रोफेसर हैं, को यह केस मार्क किया गया तथा उन्होंने पीड़िता के उपचार को सुपरवाईज किया। पीड़िता के कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चलने के दौरान उसका एक्स-रे किया गया, एक्स-रे में उसके बायें फेफड़े में न्यूमोनिक पैच पाया गया जो आम तौर पर सर्वाइकल स्पॉइन के मरीज को लम्बे समय तक वेण्टीलेटर पर या अस्पताल में रहने पर हो जाता है। सी. टी. सर्वाईकल स्पॉइन सी. -5 और सी. -6 में पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार गम्भीर चोट थी। पीड़िता को यथासम्भव उपचार दिया गया। आइनोट्रोपिक उपचार के बाद भी उसका ब्लड प्रेशर नार्मल नहीं आ रहा था तथा फुल ऑक्सीजन सपोर्ट पर भी उसका ब्लड ऑक्सीजन