पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/८६

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86 करता हूँ, जिसे आज 'B' बिन्दु से चिन्हित किया गया। मेरे द्वारा विडियों की सत्यता के सम्बन्ध में एक प्रमाण पत्र अन्तर्गत धारा 65बी भारतीय साक्ष्य अधिनियम भी दिया गया था, जो मेरे हस्तलेख में की शिनाख्त करता हूँ। प्रमाण पत्र पर मौजूद अपने हस्ताक्षर की शिनाख्त करता हूँ, जिसे आज 'A' बिन्दु से चिन्हित किया गया। मेमो डी - 44 एवं प्रमाण पत्र डी - 45 कागज संख्या 493 व 503 पर आज संयुक्त प्रदर्श क - 40 डाला गया। इस स्तर पर गवाह को सी0बी0आई0 माल खाने से लाया गया एम०आर० संख्या 596 / 2021 से चिन्हित खाकी लिफाफे को न्यायालय की अनुमति से खोलकर दिखाया गया तो उसके अन्दर सफेद कागज में लिपटा हुआ तथा सी०बी०आई० की सील से सीलशुदा पैकेट निकला, जिस पर गवाह ने अपने हस्ताक्षर की शिनाख्त की जिसे 'A' बिन्दु से चिन्हित किया गया तथा स्वतन्त्र गवाह के हस्ताक्षर की भी शिनाख्त की, जिसे 'B' बिन्दु से चिन्हित किया गया तथा उस पर वस्तु प्रदर्श–20 डाला गया । लिफाफे के अन्दर एक सी०डी० निकली, जिसे अभियोजन द्वारा लाये गये लैपटॉप से खोला गया तो उसके अन्दर से एक विडियों फाईल 20200917_095013 निकली, जिसका साईज 51269 के0वी0 है, जिसे देखकर गवाह ने बताया कि यह मेरे द्वारा रिकार्ड किया गया विडियों है । विडियों 39 सेकेण्ड की है। सी०डी० जिसमें उपरोक्त विडियों है, पर आज वस्तु प्रदर्श-21 डाला गया। पी0डब्लू0-30 विनय शर्मा ने अपनी प्रतिपरीक्षा में मुख्य रूप से यह कथन किया है कि यह विडियों थाना चन्दपा में बने मन्दिर के समक्ष बनायी गयी है, जिसमें मन्दिर व हैण्डपम्प दिखायी दे रहा है और विडियों में पीडिता की माँ अपनी बाईट / बात बता रही है। इसमें पीडिता की मॉ से जिसने प्रश्न किये हैं, वह पत्रकार नेत्रपाल पाठक है, जिसको मैं जानता व पहचानता हूँ तथा उसकी आवाज भी पहचान रहा हूँ। पीडिता की माँ ने अपने इस विडियों में अभियुक्त अकेले सन्दीप को बताया है तथा सन्दीप के पिता का नाम नरेन्द्र उर्फ गुड्डू बताया है। इसके अलावा किसी अन्य व्यक्ति का नाम घटना में सम्मिलित होना नहीं कहा । यह विडियों लगभग 09:30 बजे सुबह थाना परिसर में बनी थी। इस विडियों में पीडिता, पीडिता की माँ तथा पीडिता के परिवार के बच्चे भी दिखायी दे रहे हैं। जिस दिन थाने में विडियों बनी थी उस दिन मैंने गोविन्द कुमार शर्मा को नहीं देखा । विडियों बनाते समय पीडिता वहाँ मौजूद थी तथा बोल रही थी । उस समय पीडिता व पीडिता की मॉ ने कोई बलात्कार या सामूहिक बलात्कार की बात नहीं बतायी थी । पीडिता उस समय बेहोश नहीं थी,