पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/९२

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92 विज्ञान से सम्बन्धित राय दिये हैं, जिनमें प्रमुख उन्नाव रेप एवं मर्डर केस, बदायूं डबल रेप एवं मर्डर केस आदि वादों में राय दी है। मैं वर्तमान नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन के पैनल पर पिछले 15 साल से विधि विज्ञान विशेषज्ञ के रूप में मनोनीत हॅू। हमारी संयुक्त MIMB ने इस प्रकरण की पीड़िता से सम्बन्धित समस्त दस्तावेज का परिशीलन व अवलोकन किया एवं समय-समय पर जिन-जिन डाक्टरों ने पीड़िता का इलाज किया था, उनसे उनके द्वारा पीड़िता को दिये गये चिकित्सा के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया तथा पीड़िता की मृत्यु उपरान्त जिन डाक्टरों ने उसका शव विच्छेदन किया था, उनसे भी उनकी निष्कर्ष के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया था। हमें सौंपे गये कार्य को अच्छी तरह से कारित करने के लिये हम MIMB के सदस्यों ने दिनांक 05.11.2020 को जे.एन.एम.सी. अलीगढ़ का दौरा किया तथा वहां डाक्टरों से मुलाकात की तथा प्रकरण के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया, जिन डाक्टरों से हमारे दौरे के दौरान हमारी मुलाकात नहीं हो पायी, उनसे हमने फोन पर बातचीत की तथा आवश्यकतानुसार उन्हें बाद में MIMB के एम्स में मीटिंग के दौरान बुलाया गया। अलीगढ़ में हमने जिन-जिन डाक्टरों से मुलाकात की, उसका ब्यौरा हमारी दिनांक 24.11.2020 की हमारी MIMB की कार्यवाही में दर्ज है, जो पत्रावली पर डी. – 65 में कागज संख्या 693 / 22 से 693/27 के रूप में मौजूद है । कार्यवाही छः पृष्ठों पर अंकित है, जिस पर MIMB के सभी सदस्यों ने प्रत्येक पृष्ठ पर अपने हस्ताक्षर किये थे। मैं अपने हस्ताक्षर की शिनाख्त करता हूं जिन्हें आज 'ए' बिन्दुओं से चिन्हित किया गया। मैं प्रोफेसर अरविन्द कुमार के हस्ताक्षरों की शिनाख्त करता हूं जिन्हें आज 'बी' बिन्दुओं से चिन्हित किया गया तथा डा० तेजस्वी के हस्ताक्षरों को 'सी' बिन्दुओं से चिन्हित किया गया । हम तीनों ने एक साथ एक-दूसरे की मौजूदगी में हस्ताक्षर किये थे। दिनांक 24.11.2020 की हमारी MIMB की कार्यवाही में दर्ज है, जो पत्रावली पर डी. -65 में कागज संख्या 693/22 से 693/27 के रूप में मौजूद है, पर आज प्रदर्श क−47 डाला गया। अगले दिन दिनांक 06.11.2020 को हमारी टीम व सी.एफ.एस.एल. दिल्ली की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया तथा घटनाक्रम को रिकियेट कर घटनाक्रम को समझने का प्रयास किया ताकि पीड़िता के शरीर पर पायी गयी चोटों को वैज्ञानिक ढंग से समझने का प्रयास किया। उस दौरान पीड़िता की माँ मौजूद थी और वह हमें घटनाक्रम के समय अपनी व पीड़िता की स्थिति बता रही थी। रिक्रियेशन ऑफ क्राइम सीन से सम्बन्धित मेमो पत्रावली पर डी. - 52 के रूप में मौजूद है, जो हमारी व