पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/९९

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99 बता रहे थे। पीडिता का बयान लगभग 12:30 से 01:15 बजे के बीच लिया गया था। पीडिता ने अपने बयानों में यह कहा था कि माँ ने उसे खींचकर रोड पर किया, बाकी किसी को उसने नहीं पहचाना । मुन्शी संजय पीडिता से सवाल कर रहे थे और पीडिता द्वारा दिया गया जवाब रश्मि को बता रहे थे। ओमवीर ने अपने बयानों में यह बताया था कि पीडिता ने घटना के सम्बन्ध में यह बताया था कि उसने सन्दीप के अलावा बाकी किसी को नहीं पहचाना। मेरे द्वारा यह प्रश्न किये जाने पर कि आपके द्वारा पीडिता का मेडिकल क्यों नहीं कराया गया तो पुलिस क्षेत्राधिकारी रामशब्द जी ने यह कहा था कि दिनांक 14.09.2020 को दर्ज मुकदमा केवल 307 भा०दं०सं० के तहत था, जिससे सम्बन्धित मेडिकल जिला अस्पताल में हुआ था। उस समय न तो पीडिता ने न ही वादी या अन्य किसी परिवारजन ने पीडिता के साथ किसी भी तरह के दुराचार की बात बतायी थी। दिनांक 19.09.2020 को धारा 161 दं०प्र०सं० के अन्तर्गत दर्ज किये गये पीडिता के बयान की विडियों रिकार्डिंग की ट्रान्सक्रिपशन मैंने तैयार की है। इस ट्रान्सक्रिपशन के अनुसार पीडिता ने घटना में 04–5 लोगों का होना कहा है। ट्रान्सक्रिपशन में पीडिता ने सन्दीप ने गला काट दिया कहा है। यह पूछने पर कि और कौन-कौन लोग थे, पीडिता ने इसका जवाब वो तो मैंने नहीं देखा, दिया है। संजय मुन्शी के यह पूछने पर कि वो जो 04–5 लोगों में से किसी और को पहचाना, का जवाब पीडिता ने "नहीं" में दिया । इस पूरे ट्रान्सक्रिपशन में किसी भी अभियुक्त के विरूद्ध कोई भी सामूहिक बलात्कार का आरोप पीडिता द्वारा नहीं लगाया गया है लेकिन सन्दीप के विरूद्ध पीडिता ने कहा है कि "फिर मैंने हाथ मारा तो वह जबरदस्ती करने लगा", संजय मुन्शी द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या करने लगा जबरदस्ती तो पीडिता ने जवाब दिया है कि गला घोंट करके मैं जमीन पर गिर गयी । पुन: संजय मुन्शी के पूछने पर तो मैंने हाथ चलाया कि जवाब में पीडिता ने स्पष्ट किया है कि उसने जबरदस्ती गला घोंट दिया मेरा दिनांक 26.10.2020 को मैंने उपनिरीक्षक धीरेन्द्र सिंह का बयान अंकित किया था, जिसमें धीरेन्द्र सिंह ने मुझे अपने बयानों में बताया था कि दिनांक 14.09.2020 को जब वह थाने में था तो उसने देखा था कि पीडिता चबूतरे पर लेटी हुई थी, कुछ पत्रकार पीडिता का विडियों बना रहे थे, पीडिता होश में थी, उसे कोई जाहिरा चोट नहीं थी पीडिता उसकी माँ सन्दीप के द्वारा गला दबाने की बात कह रही थी । डा० रमन मोहन शर्मा ने मुझे अपने बयान में बताया था कि पीडिता की स्वास्थ्य की स्थिति दिनांक 20.09.2020, 21.09.2020 व 22.09.2020 को लगभग समान थी एवं पूछे