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| ( ५६ } अर्थात् प्रात:काल को। वर रोगी=श्रेष्ठ रोगी अर्थात् कठिन रोगी । [वैद्यक ग्रन्थों में कहा गया है कि रात्रि में रोग बढ़ता है और प्रात:काल अर्थात् सूर्य निकलने पर कम हो जाता है। बहुत कम रोगियों की मृत्यु सूर्य निकलने पर होती हुई देखी जाती हैं । यह वैज्ञानिक आधार भूत बात भी है । विषम बीमारी वाले रात्रि भर यही बांछना किया करते हैं कि कब प्रात:काल होगा ] । संस्कृत में जिस प्रकार भारी बदमाश के लिये साहित्यिकों ने ‘सुदुष्ट शब्द का प्रयोग किया है उसी प्रकार चंद ने रासो में ‘बर निषेद अश्वत् ‘अत्यंत निषिद्ध' और 'बर रोगी' अर्थात् कठिन रोगी” का । उनन=उन्होंने । रंक = दरिद्री। करन्न<कर्ण-ये सूर्य के वरदान द्वारा उत्पन्न हुए कंती के पुत्र थे । कुमारी कुती ने इन्हें नदी में बहा दिया और अधिरथ राधा ने इन्हें पाला । दुर्योधन ने इनका बड़ा सत्कार किया र उच्च पद दिया । ये बड़े वीर योद्धा थे। सूर्य ने इन्हें एक अमोघ कवच और केंडल दिये थे । महाभारत के अवसर पर कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप रखकर कर्ण से कवच और केंडल माँगे और दानी कर्ण ने सारी बातें विचारते हुए भी उन्हें दे दिया। युद्ध भूमि में कर्ण आहत पड़े थे अंतिम साँसें चल रहीं थीं । कृष्ण ने अर्जुन को कर्ण की दानशीलता दिखाने के लिये फिर जाकर दान माँगा अब बेचारे कर्ण के पास क्या था ? हाँ, याद आया । दाँलों में दो लाल अड़े थे और वोहरे दानी कर्ण, पत्थर से दाँत तोड़कर लाल निकाले और कृष्ण को देने लो' । कृष्ण नेमक्कारी की और बोले कि रक्त से सिक्न बस्तु दान नहीं की जाती । कर्ण ने लेटे लेटे सारी बची खुची शक्ति बटोरकर एक वणि भूमि में मारा, गंगा की धार निकली उसमें लाल धोकर कृष्ण को दे दिये और दम तोड़ दी। [ इस महान दानी का विशेष हाल महाभारत में देखिये ]। सती–पतिव्रती स्त्री; जो अपने मृतक पति के शव के साथ जलने जा रही हो । सत्त<सत्य ( यहाँ सती के सतीत्व से तात्पर्य है ) । उर= हृदय ।। 12-50 85.--He raised aloft his arms from below, (while) Saturn rose form the ocean. Speaking his anxiety, the king prayed (to the planet). "Who will not do so, oh brother ! says the poet Chand. [ Hoernle, pp. 26-27. } | श्री ग्राउज़ महोदय ने अपना मत इस रूपक पर इस प्रकार प्रकट किया " mean up and down, 'avadh' round about: in the second line the alternative reading bidhi' should be substituted for "badhi; and kaun bhai' in the last line is 'which you please. The general meaning and style