पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१२१

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सच्चे खिष्टियान की आत्मिक गति । ११३ ३ हर ग़फलत से खुदावन्दा मैं बचू उमर भर मुझे ख़ताओं से बचा त मेरी मदद कर ॥ सब जालों पर इस दुनया के शैतान के फंदों पर 8 मुझ आसी को त फतह दे मेरी मदद कर ॥ ५ और जिस वक्त मेरा मरना हो मिटा सब खौफ़ ओ डर त दे पनाह मुझ आजिज़ को और मेरी मदद कर ॥ १०५ एक सौ पांचवां गीत । S.M. १ मुखालिफ बेशुमार तुझे सताते हैं ऐ मेरे दिल हा खबरदार वे तुझ पर आते हैं। तू जाग और मांग दुआ दिलेर हो और निडर