पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१४

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ur परमेश्वर की स्तुति । मसीहा २ अबन अजर त हुआ मेरा मददगार तेरे फ़ज़ल से मैं हंगा ग़म के इस दरया से पार था मैं भली भेड़ की मानिन्द गल्ला छोड़ आराम बिदन ईसा खेाजने और बचाने पाया दिया अपना खन ३ उमर भर मैं गाता रहूं तेरे फज़ल की सियास अपने करम में खुदावन्द रख त मुझे अपने पास तुझे भलने को तो सदा इमत्तिहान बहुतेरा है मुहर कर तू मेरे दिल पर अवद तक त मेरा है॥ ६ छठवां गीत । या रब्ब तेरी जनाब में हर्गिज़ कमी नहीं तुझ सा जहान के बीच तो कोई ग़नी नहीं जो कुछ कि खबियां हैं सो तेरो ही जात में तेरे सिवाय और तो काई धनी नहीं