पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१४०

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१३२ प्रार्थना और इबादत । १२९ एक सो उन्तीसवां गीत । L.. १ अब आया है पाराम का रोज़ खुदा का फज़ल है हनोज़ अब छोड़े सब दुनयावी काम और करें दिल से पाक माराम ॥ २ वह जो सलीब पर मुना था इतवार मैं ज़िन्दः हुअा था आज उस ने मौत पर ज़बर हो जो उठके छोड़ा कबर को ॥ ३ अाज बंद हो दुनयावी कामकाज खुदा कर फजल हम पर आज कि यह न खाली काइदः हे। पर हमें दिन का फाइद: हो। 8 फिर बड़ा सबत एक आवेगा जहान अाराम जव पावेगा सब मिहनत होगी तब तमाम और कामिल होगा तब पाराम ॥