पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/१४२

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१३४ प्रार्थना और इबादत । ३ खुदावन्द हम पर जाहिर हो और सभों की तू कर तालीम जो ग़ाफ़िल हों जगा उन को और अपना दीन फैला रहीम खुशी से खुशी से हम देखते रोज़ खुदावन्द के ईसा मसीह की ख़ातिर से गुनाह हमारे बख़श तू खुशी से खुशी से हम देखते रोज़ खुदावन्द के। गर हम होवे मरने को खुदाया बख़श दे यह इनाम कि तुझ पास हमें जाना हो कि करे तेरी हम्द मुदाम खुशी से खुशी से हम देखते रोज़ खुदावन्द के ईसा मसीह की खातिर से गुनाह हमारे बखश तू दे खुशी से खुशी से हम देखते रोज़ खुदावन्द के। ४