पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/३२

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२४ प्रभु यम खीष्ट। २४ चौबीसवां गीत । 7s. १ जितने होवें जग के बीच छोटे बड़े ऊंच और नीच बोलो धन मसीह सदय बोलो सब मसीह की जय । ३ वह उतारने पाय का भार खोलने को वह स्वर्ग का द्वार देने पापियों को सुख अाया था कि सहे दुःख ॥ ३ अपना दिया है अपना प्राण बल किया है ईसा है सब ग्रहण जोग जय जय करें सारे लोग। ४ भाई वोलो ईसा नाम देखो सिद्ध है मुक्त का काम योलो सारे मठ बोला सब मसीह की जय ॥ की छय