पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/५१

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प्रभु यस खीष्ट। ४३ हाय हाय अस पाय हमारा जीवन प्रति का जगत बुलाई मेरे पातक कारन सांप्रे जा दुःख लोन्ह कहा नहि जाई निशि भर बैरिन अति दीन्हा प्रात बिचारासन पहुंचाई बहु विध झूठे दोष लगाये तो प्रभु अद्भुत धीर दिखाई बांधे कर सिर कंटक गंधे कांधे पर फिर क्रश धराई तब प्रभु को डाकुन के साथे बिकट काठ पर घात कराई यीशु दयामय जग जन त्राता क्रश चढ़ाये संकट पाई ठोंके कील हाथ पगु सुन्दर रक्त वहा नर मुक्ति उप्राई कहि है दास धरो मस प्यारा प्रभु पर आशा सब सुखदाई वाले धरम करें शोक दोख मध साहस पाई॥ शुभ कामा