पृष्ठ:Songs and Hymns in Hindi.pdf/८७

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सुसमाचार। 96 रेखता ७५ पचहत्तरवां गीत । दुनिया में दिल नाहि लगाना यह जिनगी के कौन ठिकाना खाबों में जस माल खजाना पाय करे मन मोज अपाना चौंक पड़े सव धूरि मिलाना तैहि दुनिया सानु नदाना परनारी धन दोख दिवाना फजिहत खाये प्रान गमाना जौंप मिले नहि काम भराना खुदबुद छुअत बात उड़ाना होश करो नर वयस सिराना यीशु मसीह पर लाउ ईमाना जान अधम यहि सांच सिखाना जों सुख चाहो अमर निधाना ॥ पस्तो ७६ छिहत्तरवां गीत । दुनिया है दग़ादार ख़बरदार यारो जो सब नज़र आती है सम ख्याल शुमारो