विकिस्रोत:आज का पाठ/१६ जनवरी
हिन्दुओं का स्वास्थ्य-शास्त्र लाला लाजपत राय द्वारा रचित दुखी भारत का एक अंश है जिसका प्रकाशन सन् १९२८ ई॰ में प्रयाग के इंडियन प्रेस, लिमिटेड द्वारा किया गया था।
"इसके अतिरिक्त मिस मेयो की पुस्तक पढ़ने से पाठकों के हृदय में यह असत्य धारणा भी उत्पन्न हो सकती है कि हिन्दू रोगी और गन्दे होते हैं। अच्छा, मिस मेयो के साथ न्याय करने के लिए यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि यदि कोई विदेशी भारतवर्ष के शहरों या गाँवों की यात्रा करता है तो सबसे प्रथम उसके दिल पर ऐसा ही प्रभाव पड़ता है। ऐसा यात्री यहाँ के निवासियों की आन्तरिक दशा के सम्बन्ध में कुछ नहीं जानता। और न वह भारतीय जन-संख्या के भिन्न भिन्न समुदायों या इस उप-महाद्वीप के भिन्न भिन्न भागों में ही कोई भेद लक्षित कर सकता है। एक बार जो धारणा बना ली जाती है वही बनी रहती है और कितना ही क्यों न समझाया जाय इसमें कमी नहीं आ सकती।..."(पूरा पढ़ें)