विकिस्रोत:आज का पाठ/१७ जून
हिन्दी भाषा का उद्गम अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा रचित पुस्तक हिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास का एक अध्याय है। इस पुस्तक का प्रकाशन १९३४ ई॰ में पटना विश्वविद्यालय, पटना द्वारा किया गया था।
"आदि भाषा कौन है? सृष्टि के आदि में एक ही भाषा थी, अथवा कई। इस समय संसार में जितनी भी भाषायें प्रचलित हैं, उनका मूल स्रोत एक है! अथवा भिन्न भिन्न! आजतक इसकी पूरी खोज नहीं हुई। इस समय जितनी भाषायें समाज में प्रचलित हैं, उनमें इण्डो यूरोपियन एवं समितिक भाषा को ही प्रधानता है।इन्हीं दोनों भाषाओं का विस्तार अधिक है, और इन्हीं के भेद उपभेद अधिक पाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त हेमिटिक और चीनी भाषा आदि, और भी भाषायें ऐसी हैं, जो भिन्न भिन्न वर्ग की हैं, और जिन में एक का दूसरे के साथ कोई सम्बन्ध नहीं पाया जाता हैं। अब प्रश्न यह होता है, कि इन भाषाओं का आधार एक है या वे स्वतंत्र हैं। क्या मनुष्यों का उत्पत्ति स्थान भिन्न भिन्न है| यदि भिन्न भिन्न है तो क्या भाषायें भी भिन्न भिन्न हैं?..."(पूरा पढ़ें)