विकिस्रोत:आज का पाठ/२० मई
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शब्द-भेद कामताप्रसाद गुरु द्वारा रचित हिंदी व्याकरण का एक अध्याय है जिसका प्रकाशन सं॰ १९८४ में इंडियन प्रेस, लिमिटेड "प्रयाग" द्वारा किया गया था।
"शब्द-साधन व्याकरण के उस विभाग को कहते हैं। जिसमें शब्दों के भेद (तथा उनके प्रयोग) रूपांतर और व्युत्पत्ति का निरूपण किया जाता है।
एक या अधिक अक्षरों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं, जैसे, लड़का, जा, छोटा, मैं, धीरे, परंतु, इत्यादि।
(अ) शब्द अक्षरों से बनते हैं। 'न' और 'थ' के मेल से 'नथ' और 'थन' शब्द बनते हैं, और यदि इनमें 'आ' का योग कर दिया जाय तो 'नाथ', 'थान', 'नथा', 'थाना', आदि शब्द बन जायँगे।..."(पूरा पढ़ें)