विकिस्रोत:सप्ताह की पुस्तक/१८

विकिस्रोत से

Download this featured text as an EPUB file. Download this featured text as a RTF file. Download this featured text as a PDF. Download this featured text as a MOBI file. Grab a download!

भक्तभावन ग्वाल कवि द्वारा रचित २८ काव्यों का संग्रह है। बनारस के विश्वविद्यालय प्रकाशन द्वारा इसके प्रथम संस्करण का प्रकाशन १९९१ ई. में किया गया था।


"श्री वृषभान कुमारिका। त्रिभुवन तारन नाम।
शीश नवावत ग्वाल कवि सिद्धि कीजिये काम॥१॥
वासी[१] वृंदा विपिन के। श्री मथुरा सुखवास।
श्री जगदंबा दई हमें। कविता विमल विकास॥२॥
विदित[२] विप्र वंदी विशद। बरने व्यास पुरान।
ताकुल सेवाराम को। सुत कवि ग्वाल सुजान॥३॥

शोभा के सदम लखि होत है अदमसम। पदम पदम पर परम लता के इद।
देखें नख दामिनी घने दुरी अकामिनी है। जामिनी जुन्हया की जरै जलसता के मद।
ग्वालकवि ललित छलानतें कलित कल। वलित सुगंधन ते वेस मुदता के नद।
वंदन अखंड भुज दंड जुग जोरै करौं। बरद उमंड मारतंड तनया के वद।।१॥"

...पूरा पढ़ें)