विकिस्रोत:सप्ताह की पुस्तक/६
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उपयोगितावाद जॉन स्टुअर्ट मिल द्वारा रचित दार्शनिक ग्रंथ है जिसका प्रकाशन सन् १९२४ ई॰ में मेरठ के ज्ञानप्रकाश मंदिर द्वारा किया गया था।
"इंग्लैण्ड के प्रसिद्ध तत्ववेत्ता स्टुअर्ट मिल ने अपनी संसार-प्रसिद्ध पुस्तक Utilitarianism अर्थात् उपयोगितावाद में इस ही विषय पर विचार किया है। आचार-शास्त्र का मूल अधार क्या होना चाहिये? कोई काम करना ठीक है या नहीं?-यह बात किस प्रकार निश्चित करनी चाहिये।मिल उपयोगितावादी थी। उस का विचार था कि जिस काम से जितने अधिक आदमियों का हित होता है वह उतना ही अधिक अच्छा है। इस सिद्धान्त को इस पुस्तक में बहुत अच्छी तरह प्रमाणित किया गया है। इस पुस्तक के पढ़ने से मालूम होगा कि इस सिद्धान्त की पुष्टि में मिल ने जिन दलीलों या युक्तियों से काम लिया है वे बहुत प्रबल तथा अकाट्य हैं।..."(पूरा पढ़ें)