विकिस्रोत:सप्ताह की पुस्तक/९
दिखावट
कटोरा भर खून बाबू देवकीनन्दन खत्री द्वारा रचित उपन्यास है जिसका प्रकाशन नई दिल्ली में शारदा प्रकाशन द्वारा सन् १९८४ ई॰ में किया गया था।
""लोग कहते हैं कि 'नेकी का बदला नेक और बदी का बदला बद से मिलता है' मगर नहीं, देखो, आज मैं किसी नेक और पतिव्रता स्त्री के साथ बदी किया चाहता हूँ। अगर मैं अपना काम पूरा कर सका तो कल ही राजा का दीवान हो जाऊँगा। फिर कौन कह सकेगा कि बदी करने वाला सुख नहीं भोग सकता या अच्छे आदमियों को दुःख नहीं मिलता? बस मुझे अपना कलेजा मजबूत करके रखना चाहिये, कहीं ऐसा न हो कि उसकी खूबसूरती और मीठी-मीठी बातें मेरी हिम्मत···(रुक कर) देखो, कोई आता है!"..."(पूरा पढ़ें)