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  • गोचर की पूरी सीमा पर 'कार' से रेखा खींची जाती है। पीछे पूरा गांव चलता है। मिट्टी में गिरने वाली दूध और गंगाजल की यह बारीक रेखा कुछ ही क्षणों बाद सूख जाती...
    ६२० B (९,८३४ शब्द) - १६:४५, २० नवम्बर २०२०
  • भी। उसके जीवन की सारी रेखाएँ इसी विन्दु पर आकर जमा हो जाती थी। वह विन्दु एकाएक पानी के बुलबुले की भांति सिट गया और अब वह सारी रेखाएँ, वह सारी भावनाएँ, वह...
    ३४५ B (७,५०८ शब्द) - २१:३३, २१ मई २०२१
  • किया है उसी को समय समय पर 'रेखता' और 'गूजरी' भी कहते रहे हैं। रेखता का साफ अर्थ है अपभ्रंश! अपभ्रंश को ही आरंभ में यवनों ने रेखता कहा और फिर उर्दू नाम की...
    ४२३ B (१३,९२७ शब्द) - ००:०८, १४ अक्टूबर २०२४
  • अर्थ )-[ अपके ] झीने झगा में श्याम शरीर की ( श्याम शरीर में लगी हुई) नख-रेखा, नीलम की थाली में भरे हुए जल में पड़ी हुई ( प्रतिबिंबित ) चंद्रकला के वेष...
    ३१९ B (१५,०७१ शब्द) - २३:१९, ९ जुलाई २०२४
  • गुण सकल देही, जगत ऐसो भास ज्ञान विनु नर मुक्ति नाहीं, यह विषै संसार | रूप रेख न नाम कुल गुण, 113 11 वरण अवर न सार ॥ ३ ॥ मात पितु कोइ नाहिं नारी, जगत मिथ्या...
    ९६ B (७५,१२० शब्द) - २०:४६, १५ मई २०२४