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कहीं आपका मतलब अर्थ गद्य तो नहीं था?
  • पुरोहितवाद और मुर्दा कमकाण्ड का बेपनाह बोझ न पडा होता तो किसी प्रौद्दालक आरुणि के मन में यह सत्य भी प्रकट न हुआ होता कि प्राग मे व्यथ ही घी, जौ, धान आदि...
    ३४८ B (२,३०७ शब्द) - १८:५२, २० जुलाई २०२३