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कहीं आपका मतलब सीकर और शंख कविता संग्राम तो नहीं था?
  • स्याही उनमें और पार फैल जाती थी. इस लिये उनपर गेहूं या चावल के आटे की पतली लेई लगा कर उनको सुस्खा देते थे जिससे वे करड़े पड़ जाते थे. फिर शंख प्रादि से घोटने...
    १३० B (१,३७,२३१ शब्द) - १९:४७, १२ फ़रवरी २०२१