अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/अन्तर्राष्ट्रीय गायन
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अन्तर्राष्ट्रीय गायन--यह समस्त समाजवादियों औप साम्यवादियो का अन्तर्राष्ट्रीय गायन भी है। यह सोवियट रूस का राष्ट्रीय गायन भी है। सन् १८७१ मे एक वेलजियन मजदूर ने इसकी रचना की थी। सन् १९३४ मे उसकी मृत्यु पेरिस मे हो गई। इस गायन के प्रथम छ्न्द क हिन्दी रूपान्तर निम्न प्रकार है:--
"उठो! ऐ वुभुक्षित! अपनी घोर निद्रा का त्याग कर।
उठो! ऐ अभाव--आवश्यकता--के बन्दी।
क्योकि अब बुद्धि ने विद्रोह क बीड़ा उठाया है।
अब आख़िर मे पुरातन-युग का अन्त होता है।
अब तुम अपने सब अन्ध-विश्वासो का अन्त करदो।
दासता के बंधन में जकड़ी मावनता जाग जा, जाग जा
हम तुरन्त ही पुरानी दशा को बदल देगे--
और धूल को पद-प्रहार कर पुरस्कार जीतेगे।
आऔ,साथियो! आओ रैली करे।
हमे अन्तिम सघर्ष का सामना करना है।
ऐ अन्तर्राष्ट्रीय गीत! मानव जाति एकता के सूत्र मे पिरोदे।"