अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/चतुर्दश सिद्धान्त

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[ १११ ] चतुर्दश सिद्धान्त--संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने अमरीका की कांग्रेस के समक्ष, ८ जनवरी १९१८ को, अपना ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमे उन १४ सिद्धान्तो का उल्लेख किया जिनके आधार पर जर्मनी के साथ मित्र-राष्ट्र सधि कर सकते हैं।

वे चौदह सिद्धान्त निम्न प्रकार हैं:--

( १ ) संधि प्रकाश्य रूप मे हो। गुप्त रूप से कोई बात तय न की जाय।

( २ ) समुद्रो पर आवागमन की स्वाधीनता सबको रहे।

( ३ ) आर्थिक प्रतिबंधो का परित्याग किया जाय।

( ४ ) निःशस्त्रीकरण के सिद्धान्त मे विश्वास। शस्त्रीकरण इतना कम कर दिया जाय कि प्रत्येक राष्ट्र के पास केवल उतनी ही सेना रह जाय जितनी उसकी रक्षा के लिये आवश्यक है।

( ५ ) औपनिवेशिक दावो का निष्पक्ष रीति से निर्णय हो।

( ६ ) रूसी अधिकृत-प्रदेश रूस को वापस दे दिया जाय तथा उसको स्वभाग्य-निर्णय का पूरा अधिकार रहे।

( ७ ) वेलजियम से जर्मन-सेनाएँ वापस कर ली जाये तथा उसे पूर्वावस्था मे कर दिया जाय।

( ८ ) जिन फ्रान्सीसी प्रदेशो पर जर्मनों का अधिकार है, वह तथा अल्सेस लोरेन प्रदेश फ्रान्स को दे दिये जायॅ।

( ६ ) इटली की सीमाएँ स्पष्ट रूप से निर्धारित कर दीजायॅ।

( १० ) आस्ट्रिया-हगरी की प्रजा को स्व-शासन-विकास का पूरा सुयोग प्राप्त हो।

( ११ ) रूमानिया, सर्बिया, मोन्टीनिग्रो से जर्मन आधिपत्य वापस किया जाय। सर्विया की समुद्री-तट तक पहुँच स्वीकार की जाय। बल्कान राज्यों के
[ ११२ ]पारस्परिक संबंध, उनकी ऐतिहासिक परम्परा के आधार पर, निर्धारित किये जायॅ। उनकी सुरक्षा के लिये अन्तर्राष्ट्रीय निश्चित आश्वासन दिया जाय।

( १२ ) तुर्किस्तान के गै़र-तुर्की प्रदेशों में स्व-शासन का विकास किया जाय। दरेदानियाल मे होकर स्वतंत्र मार्ग हो।

( १३ ) स्वतंत्र पोलिश राज्य स्थापित किया जाय और उसकी सीमा समुद्र-तट तक हो। उसकी रक्षा के लिये अन्तर्राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी रहे।

( १४ ) समस्त राष्ट्र की एक सभा स्थापित की जाय जो छोटे-बड़े सभी राज्यों की सुरक्षा के लिये दायी हो।

इनमे सिद्धान्त-संख्या १, ३, ४, ५ और ६ को, सन्धि करते समय, अमल में नही लाया गया। शेष सिद्धान्तों का पालन भी आंशिक किया गया।