अंतर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश/तटस्थता

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अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञानकोश  (1943) 
द्वारा रामनारायण यादवेंदु

[ १४४ ] तटस्थता—राष्ट्रों में परस्पर युद्ध होने पर उसमें भाग न लेने की स्थिति। अन्तर्राष्ट्रीय विधान के अनुसार तटस्थ देश को युद्ध में किसी प्रकार भी भाग न लेना चाहिये। उसे किसी भी विग्रही राष्ट्र के सैन्य-सङ्गठन में न बाधा डालनी चाहिये और न सहायता ही देनी चाहिये। यदि उसकी तटस्थता में कोई बाधा डाली जाय तो उसे आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। जो विग्रही देश तटस्थ देश की तटस्थता को भंग करने के लिए हवाई यानों अथवा नौसेना का प्रयोग करे, उसके विरुद्ध बलप्रयोग का उसे पूरा अधिकार है। तटस्थ देश में होकर विग्रही राष्ट्र की सेना को न मार्ग दिया जा सकता और न उस देश के प्रदेश में हवाई सेना या नौ-सेना के अड्‌डे ही बन सकते हैं, [ १४५ ]और न उस देश में विग्रही राष्ट्रों के लिए सैनिकों की भर्ती ही की जा सकती है। विग्रही राष्ट्रों के युद्ध-पोत तटस्थ राष्ट्रों के बन्दरगाहों में २४ घटे तक ही ठहर सकते हैं। वे ऐसे बन्दरगाहों में अपने युद्ध-पोतो की मामूली मरम्मत कर सकते है तथा भोजन-सामग्री आदि ले सकते हैं। तटस्थ देश के बन्दरगाह पर ठहरे हुए विग्रही राष्ट्र के युद्धपोत में यदि युद्धबन्दी पाये जायँ तो उन्हे मुक्त किया जा सकता है। तटस्थ राष्ट्र विग्रही राष्ट्रों के साथ व्यापार कर सकते और उन्हें युद्ध-सामग्री भेज सकते हैं।