सामग्री पर जाएँ

कला और आधुनिक प्रवृत्तियाँ

विकिस्रोत से
कला और आधुनिक प्रवृत्तियाँ  (1958) 
रामचंद्र शुक्ल

विद्यामन्दिर प्रेस, पृष्ठ - से – चित्र तक

 

कला और आधुनिक प्रवृत्तियाँ

हिन्दी-समिति-ग्रन्थमाला––१७


कला और आधुनिक प्रवृत्तियाँ








लेखक
रामचन्द्र शुक्ल








प्रकाशन शाखा, सूचना विभाग
उत्तर प्रदेश

प्रथम संस्करण
१९५८







मूल्य
साढ़े तीन रुपये








मुद्रक
श्री कृष्णचन्द्र बेरी
विद्यामन्दिर प्रेस (प्राइवेट) लि॰,
मानमन्दिर, वाराणसी


प्रकाशकीय

भारत की राजभाषा के रूप में हिन्दी की प्रतिष्ठा के पश्चात यद्यपि इस देश के प्रत्येक जन पर उसकी समृद्धि का दायित्व है, किन्तु इससे हिन्दी भाषा-भाषी क्षेत्रों के विशेष उत्तरदायित्व में किसी प्रकार की कमी नहीं आती। हमें संविधान में निर्धारित अवधि के भीतर हिन्दी को न केवल सभी राजकार्यों में व्यवहृत करना है, वरन् उसे उच्चतम शिक्षा के माध्यम के लिए भी परिपुष्ट बनाना है। इसके लिए अपेक्षा है कि हिन्दी में वाङ्मय के सभी अवयवों पर प्रामाणिक ग्रन्थ हों और यदि कोई व्यक्ति केवल हिन्दी के माध्यम से ज्ञानार्जन करना चाहे तो उसका मार्ग अवरुद्ध न रह जाय।

इसी भावना से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश शासन ने हिन्दी समिति के तत्त्वावधान में हिन्दी वाङ्मय के सभी अङ्गों पर ३०० ग्रन्थों के प्रणयन एवं प्रकाशन के लिए पंचवर्षीय योजना परिचालित की हैं। यह प्रसन्नता का विषय है कि देश के बहुश्रुत विद्वानों का सहयोग इस सत्प्रयास में समिति को प्राप्त हुआ है जिसके परिणाम स्वरूप थोड़े समय में ही विभिन्न विषयों पर सोलह ग्रन्थ प्रकाशित किये जा चुके है। देश की हिन्दी-भाषी जनता एवं पत्र-पत्रिकाओं से हमें इस दिशा में पर्याप्त प्रोत्साहन मिला है जिससे हमें अपने इस उपक्रम की सफलता पर विश्वास होने लगा है।

प्रस्तुत ग्रन्थ हिन्दी-समिति-ग्रन्थ-माला का १७ वां पुष्प है। हिन्दी में चित्रकला पर ग्रंथों की बहुलता नहीं है और जो ग्रन्थ प्रकाशित भी हुए हैं उनमें प्राचीन भारतीय चित्र-कला के संबंध में ही विचार किया गया है। भारत में चित्र-कला में जो आधुनिकतम प्रयोग चल रहे हैं उनकी पृष्ठभूमि में कैसी भावना, कौन-सा उद्देश्य है इसका उद्घाटन अभी तक नहीं के बराबर हुआ है। इस पुस्तक के लेखक स्वयं आधुनिक चित्रकला के कलाकार हैं, अतः उसकी प्रवृत्तियों से उनका सहज परिचय है। ऐसी स्थिति में यह पुस्तक हिन्दी-भाषी जनता के लिए विशेष कर इस विषय के जिज्ञासुओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी इसी विश्वास से हम इसे हिन्दी के सहृदय पाठकों के सम्मुख उपस्थित करते हैं।

भगवतीशरण सिंह

सचिव, हिन्दी समिति

विषय-सूची

विषय पृष्ठ
कला-सरिता
कलाकार की कला
एक प्रश्न
एक तूफान
आधुनिक समाज में कला और कलाकार १०
आधुनिक चित्रकार की मनोवृत्ति १९
आधुनिक कला का विषय २३
कला का कार्य २७
मानसिक विकास ३३
कला-धर्म ३७
कला और समाज ३९
जीवन और कला ४७
कला और सौन्दर्य ५२
कलाकार का व्यक्तित्व ६३
चित्रकला ६८
कला और हस्तकौशल ९०
चित्रकला और रूपकारी ९४
चित्रकला की तीन प्रमुख प्रवृत्तियाँ १०१
सरलता की प्रवृत्ति १०८
कला का सामाजिक रूप १०९
प्रतीकात्मक प्रवृत्ति ११३
वर्णनात्मक प्रवृत्ति १२४
आदर्शवादी प्रवृत्ति १२८
दार्शनिक प्रवृत्ति १३२
यथार्थवादी प्रवृत्ति १३७
विषय पृष्ठ
वैज्ञानिक प्रवृत्ति १४१
अभिव्यंजनात्मक प्रवृत्ति १४७
स्वप्निल प्रवृत्ति १५०
काल्पनिक प्रवृत्ति १५३
घनत्वनिर्माण की प्रवृत्ति १५६
आधुनिक सूक्ष्म चित्रकला १६०
अन्तर-राष्ट्रीय प्रवृत्ति १६८
आध्यात्मिक प्रवृत्ति १७४
अन्तिम बात १८०

ज्वालाओं के बीच

चित्रकार-रामचन्द्र शुक्ल

यह कार्य भारत में सार्वजनिक डोमेन है क्योंकि यह भारत में निर्मित हुआ है और इसकी कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो चुकी है। भारत के कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के अनुसार लेखक की मृत्यु के पश्चात् के वर्ष (अर्थात् वर्ष 2024 के अनुसार, 1 जनवरी 1964 से पूर्व के) से गणना करके साठ वर्ष पूर्ण होने पर सभी दस्तावेज सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आ जाते हैं।


यह कार्य संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सार्वजनिक डोमेन में है क्योंकि यह भारत में 1996 में सार्वजनिक प्रभावक्षेत्र में आया था और संयुक्त राज्य अमेरिका में इसका कोई कॉपीराइट पंजीकरण नहीं है (यह भारत के वर्ष 1928 में बर्न समझौते में शामिल होने और 17 यूएससी 104ए की महत्त्वपूर्ण तिथि जनवरी 1, 1996 का संयुक्त प्रभाव है।