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गल्प समुच्चय/ ७—श्रीशिवपूजन सहाय

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गल्प समुच्चय
प्रेमचंद, संपादक श्रीप्रेमचन्द जी
श्रीशिवपूजन सहाय

काशी: सरस्वती-प्रेस, बनारस सिटी, पृष्ठ २२५

 
७—श्रीशिवपूजन सहाय

आप बिहार के निवासी हैं। आपकी भाषा माधुर्य से परिपूर्ण होती है। आप सच्चे कलाविद् की भाँति भापा को खूब अलंकृत करते हैं। आपकी कई पुस्तकें—'महिला-महत्व' 'देहाती दुनिया' आदि—प्रकाशित हो चुकी हैं। पहले आपने 'बालक' का सम्पादन बड़ी योग्यता से किया, अब 'गंगा' का सम्पादन करते हैं।