गल्प समुच्चय/ ७—श्रीशिवपूजन सहाय

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गल्प समुच्चय  (1931)  द्वारा प्रेमचंद
श्रीशिवपूजन सहाय
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७—श्रीशिवपूजन सहाय

आप बिहार के निवासी हैं। आपकी भाषा माधुर्य से परिपूर्ण होती है। आप सच्चे कलाविद् की भाँति भापा को खूब अलंकृत करते हैं। आपकी कई पुस्तकें—'महिला-महत्व' 'देहाती दुनिया' आदि—प्रकाशित हो चुकी हैं। पहले आपने 'बालक' का सम्पादन बड़ी योग्यता से किया, अब 'गंगा' का सम्पादन करते हैं।