न्याय/अङ्क चौथा

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[ २१३ ]

अङ्क चौथा

दृश्य १

दो साल गुज़र गए हैं। कोकसन का वही कमरा। मार्च का महीना है। दस बजने को दो मिनट बाक़ी है। दरवाज़े सब अच्छी तरह खुले हैं। स्वीडिल आफिस को ठीक कर रहा है। उसकी अब छोटी-छोटी मूछें निकल आई हैं। वह कोकसन के टेबिल को झाड़ पोछ रहा है। ढक्कनदार सिंगार मेज़ के पास जाता है और ढक्कन को खोलकर शीशे में अपना चेहरा देखता है। ठीक इसी समय रुथ हनीविल बाहर के दफ़्तर के भीतर से होकर आती है और दरवाज़े के पास खड़ी हो जाती है। उसके चेहरे पर आनंद के भाव झलक रहे हैं। [ २१४ ]

स्वीडिल

[उसको देखते ही उसके हाथ से ढक्कन छूट कर धम्म से गिर पड़ता है।

अच्छा, आप हैं!

रुथ

हाँ।

स्वीडिल

अभी तो यहाँ केवल मैं ही हूँ, वे सुबह ही सुबह आकर अपना वक्त खराब नहीं करते। ओफ़! करीब दो साल बाद आप से मुलाकात हुई।

[कुछ हिचककर]

आप क्या करती थीं?

रुथ

[ज़बरदस्ती हँसकर]

जी रही थी।

स्वीडिल

[दुःखित होकर]

अगर आप उनसे— [ २१५ ]

[कोकसन की कुर्सी की ओर इशारा करके]

मिलना चाहती हैं तो जरा बैठिए। वे आते ही होंगे। उनको कभी देर नहीं होती।

[संकोच के साथ]

मैं खयाल करता हूँ वे देहात से वापस आए होंगे। उनकी मियाद तो तीन महीने हुए पूरी हो गई, जहाँ तक मुझे याद है।

[रुथ सिर हिलाकर स्वीकार करती है]

मुझे उनके लिए बहुत दुःख है। मेरे ख़याल से मालिक ने उनके साथ अन्याय किया।

रुथ

हाँ, अन्याय तो किया।

स्वीडिल

उनको चाहिए था कि उन्हें उस बार माफ़ कर देते। और जज को भी चाहिए था कि उन्हें छोड़ देते। वे आदमी का स्वभाव क्या जानें। हम लोग इनसे कहीं अच्छी तरह जानते हैं। [ २१६ ]

[रुथ कनखियों से देखकर मुसकिराती है]

स्वीडिल

ये हमारे कंधों पर पत्थरों की गाड़ी लाद देते है, हमें मलिया मेट कर देते हैं और फिर यदि हम उठ न सकें तो हमीं को बुरा कहते हैं। मैं इन लोगों को खूब जानता हूँ। मैंने इस थोड़ी सी उम्र में ऐसी बातें बहुत देखी हैं।

[इस तरह सिर हिलाकर मानो बुद्धि उसी के हिस्से में पड़ी है]

यही देखो न उस दिन मालिक........

[कोकसन बाहर के दफ्तर से भीतर आता है। पूर्वी हवा ने कुछ ताज़ा कर दिया है। हाँ, बाल कुछ और सफेद हो गए हैं।]

कोकसन

[कोट और दस्तानों को खोलते हुए]

अच्छा, तुम हो!

[स्वीडल को बाहर जाने का इशारा करके दरवाज़ा बन्द करते हुए]

[ २१७ ]बिलकुल भूल गया। दो वर्ष बाद तुम्हें देखा, मुझसे मिलने आई हो? अच्छा मैं तुम्हें कुछ समय दे सकता हूँ। बैठ जाओ, घर पर सब कुशल तो है?

रुथ

मैं अब वहाँ नहीं रहती।

कोकसन

[तिरछी नज़र से उसकी ओर देखकर]

मैं आशा करता हूँ घर की अवस्था पहिले से अच्छी होगी।

रुथ

उतने बखेड़े के बाद मैं हनीविल के साथ न रह सकी।

कोकसन

तुम कोई पागलपन कर बैठी? मुझे यह सुनकर दुःख होगा। [ २१८ ]

रुथ

मैंने बच्चों को अपने पास रक्खा है।

कोकसन

[उसे चिंता होने लगती है कि बातें वैसी आशाजनक नहीं हैँ, जैसा उसने ख़याल किया था]

ख़ैर, मुझे तुमसे मिलकर बड़ी प्रसन्नता हुई। रिहाई के बाद तो तुमसे शायद फ़ाल्डर से मुलाकात नहीं हुई होगी।

रुथ

नहीं, कल अकस्मात् उनसे भेंट हो गई।

कोकसन

अच्छी तरह है न?

रुथ

[अकस्मात् झल्लाकर]

उन्हें कुछ काम नहीं मिल रहा है। उनकी हालत बुरी हो रही है। हड्डी-हड्डी निकल आई है। [ २१९ ]

कोकसन

[सच्ची सहानुभूति से]

सच! मुझे यह सुन कर बहुत रंज हुआ।

[अपने को संभाल कर]

उसको रिहा करने के बाद क्या उन लोगों ने कोई काम नहीं तलाश कर दिया?

रुथ

वह केवल तीन हफ्ते वहाँ काम कर पाए थे। पर उसे छोड़ना पड़ा।

कोकसन

मेरी समझ में नहीं आता तुम्हारी क्या मदद करूं। किसी को साफ़ जवाब देते मुझे बुरा लगता है।

रुथ

मुझसे उसकी यह दशा नहीं देखी जाती। [ २२० ]

कोकसन

[उसकी प्यारी सूरत की ओर देखता हुआ]

मुझे मालूम है उसके रिश्तेदार उसे आश्रय न देंगे। शायद तुम इस बुरे वक्त में उसकी कुछ मदद कर सको।

रुथ

अब नहीं कर सकती। पहिले कर सकती थी। अब नहीं कर सकती।

कोकसन

मेरी समझ में नहीं आता तुम क्या कह रही हो।

रुथ

[अभिमान से]

मैं उससे फिर मिली थी। अब कोई आशा नहीं।

कोकसन

[उसकी ओर ग़ौर से देखकर कुछ घबड़ाया हुआ]

मैं बाल बच्चों वाला आदमी हूँ। मैं ऐसी कोई ख़राब बात नहीं सुनना चाहता। मुझे माफ़ करो। अभी मुझे बहुत काम करना है। [ २२१ ]सकी। अब अगर वह मर रहा हो तो मैं उसके पास नहीं जाऊंगी।

कोकसन

[खड़ा होकर इस तरह कन्नी काटता है, मानो अग्निप्रवाह से बच रहा हो]

हमें इतना आपे से बाहर न होना चाहिए—क्यों?

रुथ

[क्रोध से]

जो आदमी ऐसा कमीना बर्ताव......

[सन्नाटा छा जाता है।]

कोकसन

[स्वभाव के विरुद्ध अनुरक्त होकर]

हाँ, तो फिर तुमने क्या किया?

रुथ

[सिहरकर]

पहिली बार उसे छोड़कर जो करती थी वही काम फिर शुरू किया। कमीज़ों की सिलाई सस्ती बेचनी पड़ती थी। [ २२२ ]यही एक काम मैं कर सकती थी। परन्तु किसी हफ़्ते में सात आठ रुपए से ज्यादा न कमा सकी। अपना सूत होता था और दिन भर काम करना पड़ता था। रात को बारह बजे के पहिले कभी नहीं सोती थी। नौ महीने तक मैं यह करती रही।

[क्रोध से]

लेकिन मैं इस तरह काम नहीं कर सकती थी। मर जाना अच्छा है।

कोकसन

चुप रहो, ऐसी बातें मत करो।

रुथ

बच्चों को भी भूखों मरना पड़ता था। इतने आराम से रहने के बाद मैं उनकी तरफ से बे परवाह हो गई। मैं बहुत थक जाती थी।

[चुप हो जाती है]

[ २२३ ]

कोकसन

[उत्कंठा से]

फिर क्या हुआ?

रुथ

[हँसकर]

दूकान के मालिक ने मेरे ऊपर दया की, अभी तक उनकी दया बनी हुई है।

कोकसन

ओफ़! मैंने ऐसी बात कभी नहीं सुनी।

रुथ

[उदासीन भाव से]

उनका व्यवहार मेरे साथ अच्छा है। लेकिन अब वह सब खतम हो गया।

[उसके होंठ अचानक काँपने लगते है उलटी हथेली से वह होठों को छिपा लेती है।]

[ २२४ ]मैंने कभी नहीं सोचा था कि फिर भी उनसे कभी मेरी मुलाक़ात होगी। अचानक ही मुझसे कल "हर्द बाग" में मुलाकात हो गई। हम दोनों वहाँ बहुत देर तक बैठे रहे। उसने अपनी सब राम कहानी मुझे सुना दी। ओफ़! कोकसन साहब, आप उसे फिर अपने यहाँ ले लीजिए।

कोकसन

[व्यग्र होकर]

तो तुम दोनों ने अपनी रोजी खो दी। कितनी भीषण समस्या है।

रुथ

अगर वह यहाँ आ जाते तो यहाँ तो उनके विषय में कोई पूछ ताछ न होती।

कोकसन

हम कोई ऐसा काम नहीं कर सकते जिससे कार्यालय की बदनामी हो।

रुथ

मेरे लिए और कहीं ठिकाना नहीं है। [ २२५ ]

कोकसन

मैं मालिकों से कहूंगा, लेकिन मैं नहीं ख़याल करता कि वे उसे ले लेंगे। बात ऐसी ही आ पड़ी है।

रुथ

वह मेरे साथ आए हैं, उधर सड़क पर बैठे हैं

[खिड़की की ओर दिखाती है]

कोकसन

[शान दिखाकर]

उसे नहीं आना चाहिए जब तक कि उसे बुलाया न जाय।

[उसके मुख की ओर देखकर नम्र स्वर से]

हमारे यहाँ एक जगह खाली है लेकिन मैं वादा नहीं कर सकता।

रुथ

आप उसे प्राण दान देंगे। [ २२६ ]

कोकसन

मुझसे जहाँ तक होगा मैं कोशिश करूंगा लेकिन निश्चय नहीं कह सकता। अच्छा, उससे कह दो वह यहाँ न आए जब तक मैं अवस्था को विचार न लूं। अपना पता बता जाओ।

[उसके पते को दुहराकर]

८३ मलिंगर स्ट्रीट

[ब्लाटिंग काग़ज़ पर लिख लेता है]

अच्छा, सलाम!

रुथ

धन्यवाद!

[वह दरवाज़े के पास जाकर कुछ कहने के लिए रुकती है। परंतु फिर चली जाती है।]

कोकसन

[सिर और कपाल का पसीना एक बड़े सफ़ेद रूमाल से पोंछकर]

ओफ़, क्या बुरी गत है! [ २२७ ]

[काग़ज़ों की ओर देखकर घंटी बजाता है। स्वीडिल आता है।]

कोकसन

क्या वह जवान रिचार्ड आज क्लर्क को जगह के लिए आएगा?

स्वीडिल

जी हाँ!

कोकसन

अच्छा उसे टाल देना। मैं अभी उससे मिलना नहीं चाहता।

स्वीडिल

उससे क्या कहूँ, हुजूर?

कोकसन

[झिझक कर]

कोई बहाना सोच लो। बुद्धि से काम लो। हाँ, उसे एक दम भगा मत देना। [ २२८ ]क्या उससे कह दूँ कि आपकी तबियत ख़राब है?

कोकसन

नहीं, झूठ मत बोलो! कह देना कि मैं आज आया नहीं हूँ।

स्वीडिल

अच्छा, साहब, तो उसे अभी घुमाता रहूँ।

कोकसन

और देखो तुम फ़ाल्डर को तो भूले नहीं हो, न? शायद वह मुझसे मिलने आवे। देखो उसके साथ वैसा ही बर्ताव करना जैसा उसकी दशा में तुम खुद चाहते।

स्वीडिल

यह तो मेरा धर्म ही है।

कोकसन

ठीक, गिरे हुए को ठोकर मारना चाहिये। फ़ायदा ही क्या? उसे हाथ का सहारा दे दो। यह एक ऐसा [ २२९ ]सिद्धान्त है जिसे जीवन में कभी न भूलना चाहिये। यही पक्की नीति है।

स्वीडिल

आपको आशा है कि मालिक लोग उन्हें ले लेंगे।

कोकसन

यह अभी कुछ कह नहीं सकता।

[बाहर के दफ़्तर में किसी के पैरों की आहट पाकर]

कौन है?

स्वीडिल

[दरवाज़े के पास जाकर देखता हुआ]

फ़ाल्डर आए हैं।

कोकसन

[चिल्लाकर]

ओफ़! यह उसकी बड़ी बेवकूफी है। उसे फिर आने को कहो। मैं नहीं चाहता......

[फ़ाल्डर के भीतर आते ही वह चुप हो जाता है। उसका चेहरा पीला और मुरझाया हुआ है। उम्र भी ज़्यादा [ २३० ]हो गई है। आँखें अस्थिर हो रही हैं। कपड़े पुराने और फटे हैं।]

[स्वीडिल ख़ुशी के साथ अभिवादन करके चला जाता है।]

कोकसन

तुम्हें देखकर बहुत खुश हुआ, मगर तुम कुछ पहले आ गए।

[लल्लो चप्पो करते हुए]

आओ, हाथ मिलाओ। वह तो ख़ूब दौड़ धूप कर रही है।

[पसीना पोंछकर]

उसका क़सूर नहीं है, विचारी बहुत चिन्तित है।

[फ़ाल्डर संकोच के साथ कोकसन से हाथ मिलाता है और मालिकों के कमरे की ओर देखता है।]

कोकसन

नहीं, अभी वे आए नहीं हैं, बैठ जाओ।

[फ़ाल्डर कोकसन की मेज़ के किनारे एक कुर्सी पर बैठता है और अपनी टोपी मेज़ पर रखता है।]

[ २३१ ]अच्छा, अब अपना कुछ हाल बतलाओ।

[चश्मे के ऊपर से उसको देखते हुए]

तबियत कैसी है?

फ़ाल्डर

जीता हूँ।

कोकसन

[किसी और ध्यान में पढ़े हुए]

यह सुनकर मुझे खुशी है, हाँ उसके बारे में देखो, मैं कोई ऐसी बात नहीं करना चाहता जो देखने में भद्दी हो। यह मेरी आदत है। मैं सीधा आदमी हूँ। मैं सब बातें साफ-साफ करना ही पसन्द करता हूँ। लेकिन मैं ने तुम्हारे मित्र से वादा किया है कि मालिकों से तुम्हारे बारे में कहूँगा। तुम जानते हो मैं अपनी ज़बान का पक्का हूँ।

फ़ाल्डर

बस मैं एक मौक़ा और चाहता हूँ, मिस्टर कोकसन। मैंने जो काम किया था उसका हज़ार गुना दंड भोग चुका। [ २३२ ]हाँ, साहब, हज़ार गुना ज्यादा। मेरे दिल से पूछिए। लोग कहते हैं मेरा वज़न बढ़ गया है। लेकिन इस—

[सिर पर हाथ रखकर]

चीज़ को उन्होंने नहीं तोला। कल तक भी मैं सोचता था कि शायद यहां

[दिल पर हाथ रखकर]

अब कुछ नहीं है।

कोकसन

[चिन्तित भाव से]

तुम्हें दिल की बीमारी तो नहीं हुई है?

फ़ाल्डर

उनके ख़याल में मेरा स्वास्थ्य बहुत अच्छा है।

कोकसन

लेकिन उन्होंने तुम्हारे लिए कोई जगह तो तलाश कर दी थी न? [ २३३ ]

फ़ाल्डर

कर दी थी, बहुत अच्छे लोग थे। सब जानते हुए भी मुझसे खुश थे। मैंने सोचा था मजे से दिन कट जायँगे। लेकिन एक दिन और क्लर्कों के कान में भनक पड़ गई...वे मुझसे...फिर मैं वहाँ न रह सका, मिस्टर कोकसन! बहुत मुशकिल था।

कोकसन

दिल को संभालो; भाई, घबड़ाओ मत।

फ़ाल्डर

उसके बाद एक जगह और मुझे मिल गई थी, पर चली नहीं।

कोकसन

क्यों?

फ़ाल्डर

आप से झूठ बोलकर कुछ फ़ायदा नहीं है, मिस्टर कोकसन! बात यह है मुझे ऐसा मालूम होता है कि मुझे किसी चीज़ ने चारों ओर से जकड़ रक्खा है जिसमें फँसा [ २३४ ]पड़ा हुआ हूँ। ठीक जैसे मैं किसी जाल में फाँस लिया गया हूँ। ताड़ से गिरता हूँ तो बबूल पर अटकता हूँ। बिना प्रशंसापत्र के कोई काम नहीं देता था। इस विषय में मुझे जो कुछ न करना चाहिए था वह मैं ने किया। और उपाय ही क्या था? परन्तु मुझे डर लगा कि कहीं पकड़ा न जाऊं। बस, इसीलिये छोड़ दिया। अब भी मुझे डर लगा रहता है।

[सिर नीचा कर टेबिल के सहारे निराश होकर झुक जाता है।]

कोकसन

तुम्हारी हालत पर मुझे बहुत रंज है। विश्वास मानो। क्या तुम्हारी बहन तुम्हारे लिए कुछ न करेगी?

फ़ाल्डर

एक को तपेदिक की बीमारी है और दूसरी...

कोकसन

हाँ, मुझे याद है, तुमने मुझसे कहा था कि उनके पति तुमसे बहुत खुश नहीं हैँ। [ २३५ ]

फ़ाल्डर

मैं जब वहाँ गया तब वे खाना खा रहे थे। मेरी बहन मुझे चूम लेना चाहती थी। मगर उसने उसकी ओर घूर कर देखा,...फिर मुझसे कहा—तुम क्यों आये हो? मैंने अपने सब अभिमानों को दबाकर कहा—"क्या तुम मुझसे हाथ नहीं मिलाओगे, जिम?" उसने कहा—"देखो जी, जो कुछ हुआ वह हुआ। मैं तुमसे निबटारा कर लेना चाहता हूँ। मैं जानता था कि तुम आओगे, और मैंने पहिले ही निश्चय कर लिया है, मैं तुम्हें २५ गिन्नी देता हूँ! तुम केनाडा चले जावो। मैंने कहा, ठीक है, ख़ूब गला छुड़ा रहे हो। धन्यवाद! मुझे ज़रूरत नहीं है, २५ गिन्नी अपने पास रक्खो। जिस दशा में मैं रह चुका हूँ उस दशा में रहने के बाद फिर कहाँ की दोस्ती?

कोकसन

मैं समझ गया। अच्छा, यदि मैं तुम्हें २५ गिन्नी दूं तो तुम लोगे, भाई? [ २३६ ]

[फ़ाल्डर को अपनी ओर मुसकिराते देखकर झेंपता है।]

बुरा मानने की बात नहीं, मेरा इरादा बुरा न था।

फ़ाल्डर

तो यहाँ मुझे नौकरी न मिलेगी?

कोकसन

नहीं, नहीं, तुम मेरा मतलब नहीं समझ रहे हो।

फ़ाल्डर

मैंने इस हफ़्ते में रात बग़ीचे में सोकर काटी है। कवियों की उषा का वहाँ कहीं पता भी नहीं। लेकिन कल उससे मिलकर मुझे मालूम होता है कि मैं आज कुछ और ही हो गया हूं। मेरे जीवन में जो सुख या शान्ति है यह केवल उसके प्रेम में है। वह मेरे लिये पवित्र है। फिर भी उसने मेरा सर्वनाश कर दिया। कितनी अजीब बात है!

कोकसन

हम सब को ही तुम्हारे लिये दुःख है। [ २३७ ]

फ़ाल्डर

ह, यहाँ तो मैं भी देख रहा हूँ। अत्यन्त दुःख है।

[श्लेष के साथ]

लेकिन चोर डाकुओं साथ मिलना आपकी शान के खिलाफ़ है।

कोकसन

छीः फ़ाल्डर, क्यों अपने को गाली देते हो? इससे कोई फ़ायदा नहीं है। इस पर परदा डाल दो।

फ़ाल्डर

परदा डाल देना मामूली बात है, अगर आपके पास काफ़ी धन हो। मेरी तरह टूट जाइये तो मालूम हो। मसल है "जो जैसा करता है फल पाता है"। मुझे तो कुछ ज्यादा मिल गया।

कोकसन

[चश्मे के ऊपर से उसकी ओर तिरछी नज़र से देखकर]

तुम साम्यवादी तो नहीं बन गये हो? [ २३८ ]

[फ़ाल्डर अकस्मात् चुप हो जाता है मानो पिछली बातें सोच रहा है। कुछ अजीब तरह से हँसता है।]

कोकसन

विश्वास मानो, सब लोग दिल से तुम्हारी भलाई चाहते हैं। तुम्हारा नुक़सान करना कोई नहीं चाहता।

फ़ाल्डर

आप बहुत ठीक कहते हैं, कोकसन। हमारा दुश्मन तो कोई नहीं है। फिर भी जान के गाहक सब हैं।

[चारों ओर देखने लगता है, मानो कोई उसे फँसा रहा हो।]

यह मुझे कुचले डालता है।

[मानो अपने को भूलकर]

जान ही लेकर छोड़ोगे।

कोकसन

[बहुत बेचैन होकर]

यह सब कुछ नहीं है। सब अपने आप ठीक हो जायगा। मैं बराबर तुम्हारे लिए प्रार्थना करता था। [ २३९ ]तुम निश्चिंत रहो। मैं होशियारी से काम लूंगा और जब वे ज़रा मौज में रहेंगे, तब यह जिक्र छेड़ूंगा।

[ठीक इसी समय जेम्स और वाल्टर हो आते हैं।]

कोकसन

[कुछ घबड़ाकर, परन्तु साथ ही उन्हें इतमीनान दिलाने के लिए]

आज तो आप लोग बहुत जल्द आ गए। मैं ज़रा इनसे बातें कर रहा था—आप इन्हें भूले न होंगे?

जेम्स

[तीव्र गंभीर भाव से देखकर]

बिल्कुल नहीं। कैसे हो फ़ाल्डर?

वाल्टर

[डरता हुआ अपना हाथ फैलाकर]

तुम्हें देखकर बहुत ख़ुश हुआ, फ़ाल्डर। [ २४० ]

फ़ाल्डर

[अपने को सँभालकर वाल्टर से हाथ मिलाते हुए]

आपको धन्यवाद देता हूँ।

कोकसन

आपसे एक बात करनी है, मिस्टर जेम्स।

[क्लर्क के कमरे की ओर फ़ाल्डर को इशारा करके]

तुम जरा वहाँ जाकर बैठ जाओ। मेरा जूनियर आज नहीं आएगा। उसकी स्त्री के बच्चा हुआ है।

[फ़ाल्डर हिचकता हुआ क्लर्क के कमरे में जाता है।]

कोकसन

[गोपनीय भाव से]

मैं आपसे इसी के बारे में कहना चाहता हूँ। अपनी भूल पर बहुत लज्जित है। लेकिन लोग उस पर शुभा करते हैं। और उसका चेहरा भी आज उतरा हुआ है। भोजन के लाले पड़े हैं। भोजन के बिना कोई कैसे रह सकता है? [ २४१ ]

जेम्स

अच्छा भोजन भी नहीं मिलता?

कोकसन

हाँ, मैं आपसे यही पूछना चाहता था अब तो उसको काफ़ी सबक़ मिल गया है और हमें एक क्लर्ककी ज़रूरत भी है। फ़ाल्डर हम लोगों के लिये कोई नया आदमी नहीं है। एक युवक ने दरख़ास्त तो भेजी है, लेकिन मैं उसे टाल रहा हूं।

जेम्स

क्या जेल के असामी को आफिस में रक्खोगे, कोकसन? मुझे तो अच्छा नहीं लगता।

वाल्टर

वकील की वह बात मैं कभी न भूलूंगा। "न्याय की चक्की के चलते हुए पार।" [ २४२ ]

जेम्स

इस मामले में मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसे कोई बुरा कह सके। जेल से निकलकर अब तक क्या करता रहा?

कोकसन

एकाध जगह नौकरी मिली थी, मगर वहाँ टिक नहीं सका। वह बहुत शक्की है—स्वाभाविक बात है—उसे मालूम होता है कि सारी दुनिया उसके पीछे पड़ी है।

जेम्स

यह और खराब बात है, मैं उसे पसन्द नहीं करता। कभी नहीं किया। "दुर्बल चरित्र" तो मानो उसके चेहरे पर लिखा हुआ है।

वाल्टर

हमें एकबार उसे सहारा तो देना ही चाहिए।

जेम्स

उसने अपने ही हाथों तो अपने पैर में कुल्हाड़ी मारी। [ २४३ ]

वाल्टर

इस जमाने में पूरी जिम्मेदारी का सिद्धान्त मानने योग्य नहीं।

जेम्स

[गंभीरता से]

फिर भी तुम्हारा कल्याण इसी में है कि इसे मानते रहो।

वाल्टर

हाँ, अपने लिए, दूसरों के लिए नहीं।

जेम्स

ख़ैर, मैं सख्ती नहीं करना चाहता।

कोकसन

मुझे ख़ुशी है कि आप ऐसा कहते हैं।

[हाथ फैलाकर]

वह अपने चारों ओर कुछ देखता रहता है। यह दुर्बलता का चिह्न है। [ २४४ ]

जेम्स

उस औरत का क्या हुआ जिससे उसका कुछ सम्बन्ध था? ठीक वैसी ही एक औरत को बाहर अभी देखा है।

कोकसन

वह-वह आपसे कह देना ही ठीक है, वह उससे मिल चुका है।

जेम्स

क्या वह अपने पति के साथ रहती है?

कोकसन

नहीं।

जेम्स

शायद फ़ाल्डर उसके साथ रहता होगा।

कोकसन

[बनती हुई बात को बनाए रखने की प्रबल चेष्टा करके]

यह मुझे नहीं मालूम। मुझसे इससे क्या मतलब? [ २४५ ]

जेम्स

लेकिन अगर हम उसे नौकर रक्खेंगे, तो हमें इससे ज़रूर मतलब है।

कोकसन

[अनिच्छा से]

शायद आपसे कहना ही ठीक है। वह आज यहाँ आई थी।

जेम्स

मैंने भी यही सोचा था।

[वाल्टर से]

नहीं, बेटा, हम ऐसा नहीं कर सकते। सरासर बदनामी है।

कोकसन

दोनों बातों के मिल जाने से मामला बेढब हो गया है। मैं समझता हूँ।

वाल्टर

मैं नहीं समझता कि हमें उसकी निजी बातों के क्या सरोकार है। [ २४६ ]

जेम्स

नहीं-नहीं, यहाँ आने के पहिले, उसे उस औरत को छोड़ना पड़ेगा।

वाल्टर

ग़रीब बिचारा!

कोकसन

आप उससे मिलेंगे?

[जेम्स को सिर हिलाते देखकर]

शायद मैं उसे समझा सकूं।

जेम्स

[गम्भीर भाव से]

मैं समझा लूंगा, तुम्हें कुछ कहने की ज़रूरत नहीं।

वाल्टर

[कोकसन जब फ़ाल्डर को बुलाता है उस समय धीमे स्वर में जेम्स से]

उसकी सारी ज़िन्दगी अब आपके हाथ में है, पिता जी। [ २४७ ]

[फ़ाल्डर आता है, उसने अपने को संभाल लिया है, बेधड़क आकर खड़ा होता है।]

जेम्स

देखो फ़ाल्डर, वाल्टर और मैं चाहता हूँ कि तुम्हें फिर एक बार मौका दूं। लेकिन मैं दो बातें तुमसे कह देना चाहता हूँ। पहिली बात यह है कि यहाँ सताए हुए की भाँति आना ठीक नहीं है। अगर तुम्हारा यह ख़याल है कि तुम्हारे साथ अन्याय किया गया है, तो उसे भूल जाना पड़ेगा। आग में कूदकर यह नहीं हो सकता कि आँच न लगे। समाज यदि अपनी रक्षा न करेगा, तो उसकी कोई परवा न करेगा। समझते हो?

फ़ाल्डर

जी हाँ, लेकिन क्या मैं भी कुछ कह सकता हूँ।

जेम्स

कहो। [ २४८ ]

फ़ाल्डर

मैंने जेल में इन सब बातों पर बहुत विचार किया है।

कोकसन

[उत्साह देते हुए]

हाँ, अवश्य किया होगा।

फ़ाल्डर

वहाँ सब तरह के आदमी थे। मुझे मालूम हुआ, यदि पहिली बार मेरे साथ नर्मी की गई होती और जेल में रखने के बदले किसी ऐसे आदमी के मातहत रक्खा जाता जो हमारी कुछ देख भाल करता तो वहाँ जितने क़ैदी हैं उनके एक चौथाई भी न रहते।

जेम्स

[सिर हिलाकर]

मुझे इसमें बहुत सन्देह है, फ़ाल्डर। [ २४९ ]

फ़ाल्डर

[कुछ ईर्षा के भाव से]

ठीक है साहब, लेकिन मेरा यह अनुभव है।

जेम्स

भाई, तुम्हें यह न भूलना चाहिए कि तुमने शुरू किया था।

फ़ाल्डर

लेकिन मेरी मंशा बुराई की नहीं थी।

जेम्स

शायद न हो, लेकिन तुमने की ज़रूर।

फ़ाल्डर

[बीते हुए कष्टों की बात सोचकर]

इसने मुझे कुचल डाला, साहब।

[सीधा खड़ा होकर]

मैं कुछ और था और अब कुछ और हूँ। [ २५० ]

जेम्स

इससे तो हमारे मन में शंका होती है, ।

कोकसन

आप समझे नहीं, मिस्टर जेम्स, उसका मतलब यह नहीं है।

फ़ाल्डर

[तीव्र शोक से उद्धत होकर]

नहीं, मेरा मतलब यही है कि मिस्टर कोकसन—

जेम्स

खैर, उन सब बातों को छोड़ो, फ़ाल्डर, अब आगे की ओर देखो।

फ़ाल्डर

[तत्परता के साथ]

हाँ, साहब, लेकिन आप समझ नहीं सकते कि जेल क्या चीज है। [ २५१ ]

[अपनी छाती को पकड़कर]

बस, यहाँ उसकी चोट पड़ती है।

कोकसन

[जेम्स के कान में]

मैंने आपसे कहा था कि उसे अच्छे भोजन की ज़रूरत है।

वाल्टर

मत घबड़ाओ मित्र, यह सब शान्त हो जायगा। समय तुम पर दया करेगा।

फ़ाल्डर

[कुछ मुँह सिकोड़ कर]

मुझे भी ऐसी आशा है।

जेम्स

[बड़ी नम्रता से]

खैर, देखो भई, तुम्हें जो कुछ करना है, वह यह है कि बीती हुई बातों पर पर्दा डालो। और अपनी अच्छी [ २५२ ]साख जमाओ। अब रही दूसरी बात, वह यह है कि जिस औरत के साथ तुम्हारा सम्बन्ध था; तुम्हें वचन देना पड़ेगा कि आगे उसके साथ तुम्हारा कोई सरोकार नहीं रहेगा। अगर तुम इस तरह का सम्बन्ध रख कर अपना जीवन-सुधार शुरू करोगे, तो तुम कभी अपनी नीयत ठीक नहीं रख सकते।

फ़ाल्डर

[हर एक की मुँह की ओर दुःखी आँखों से देखकर]

लेकिन साहब....इसी भरोसे पर तो मैंने यह सब दुःख झेले हैं। और भी...कल रात को ही मुझसे उसकी मुलाकात हुई है।

[यह और इसके पीछे की बातें सुनकर कोकसन की परेशानी बढ़ती जाती है।]

जेम्स

यह बहुत दुःख की बात है, फ़ाल्डर। तुम समझ सकते हो मेरे जैसे कार्यालय के लिए यह असंभव है कि वह अपनी आखें सब तरफ से बन्द कर लें। अपनी नीयत [ २५३ ]ठीक करने का यह प्रमाण दे दो, बस मैं तुम्हें अपने यहाँ रख लूंगा, नहीं तो मैं लाचार हूँ।

फ़ाल्डर

[ जेम्स की ओर स्थिर दृष्टि से देखते हुए अचानक कुछ दृढ़ होकर]

नहीं, मैं उसे छोड़ नहीं सकता! यह असम्भव है। मेरे लिए उसके सिवा और कोई नहीं है, साहब। और उसके लिए भी मैं ही सब कुछ हूँ।

जेम्स

मुझे इसके लिए दुःख है, फ़ाल्डर। लेकिन मैं अपना विचार बदल नहीं सकता। तुम दोनों के लिए आगे चलकर इसका नतीजा अच्छा होगा। इस सम्बन्ध में भलाई कभी नहीं हो सकती। यही तुम्हारे सब दुखों का कारण था।

फ़ाल्डर

लेकिन, साहब, इसका तो यह मतलब है कि मैंने वे [ २५४ ]सारे दुख व्यर्थ ही झेले किसी काम का नहीं रहा। मेरा स्वास्थ्य बिलकुल चौपट हो गया। यह सब मैंने उसके लिए ही किया था।

जेम्स

अच्छा सुनो, अगर दरअसल वह अच्छी औरत है, तो खुद ही समझ जायगी। वह कभी तुम्हारी दुर्गति न करायेगी। हाँ, अगर उसके साथ तुम्हारे विवाह होने की आशा होती, तो दूसरी बात थी।

फ़ाल्डर

यह मेरा कसूर नहीं है, साहब, कि वह अपने पति से छुटकारा नहीं पा सकी। अगर उसका वश होता, तो वह ज़रूर ऐसा करती। यही सारी विपत्ति का मूल कारण है।

[अकस्मात् वाल्टर की ओर देखकर]

अगर कोई इसकी मदद कर सकता। अब केवल धन की जरूरत [ २५५ ]

कोकसन

[वाल्टर हिचक कर कुछ कहना ही चाहता था कि बीच में बात काटकर]

मेरी समझ में अभी उसकी चर्चा करने की ज़रूरत नहीं। यह बहुत दूर की बात है।

फ़ाल्डर

[वाल्टर की ओर कातर भाव से]

उसने तब से उस पर और भी अत्याचार किया होगा। वह साबित कर सकती है, कि उसने उसे छोड़ने पर मजबूर किया।

वाल्टर

मैं तुम्हारी सब तरह से मदद करने को तैयार हूँ, फ़ाल्डर, अगर अपने बस की बात हो।

फ़ाल्डर

आपकी मुझपर बड़ी कृपा है।

[वह खिड़की के पास जाकर नीचे सड़क की ओर देखता है]

[ २५६ ]

कोकसन

[जल्दी से]

मेरी बातों पर न जाइए मि॰ वाल्टर। उसके विशेष कारण हैं।

फ़ाल्डर

[खिड़की के पास से]

वह नीचे खड़ी है, बुलाऊँ? यहीं से बुला सकता हूँ।

[वाल्टर हिचकता है, और कोकसन तथा जेम्स की ओर देखता है।]

जेम्स

[सिर हिलाकर]

हाँ, बुलालो।

[फ़ाल्डर खिड़की से इशारा करता है।]

कोकसन

[घबड़ाकर जेम्स और वाल्टर से धीमी आवाज़ में]

नहीं, मिस्टर जेम्स, जब वह जेल में था तब उसे जिस तरह रहना चाहिए था, वैसे वह न रह सकी। उसने मौक़ा [ २५७ ]खो दिया। हम क़ानून को धोखा देने की सलाह नहीं कर सकते।

[फ़ाल्डर खिड़की के पास से चला आता है। तीनों आदमी चुपचाप गम्भीर भाव से उसकी तरफ देखते हैं।]

फ़ाल्डर

[उनके भावों में परिवर्त्तन देखकर सशंक नेत्रों से हर एक की तरफ देखते हुए]

हमारा और उसका सम्बन्ध अभी तक पवित्र है, साहब! जो कुछ मैंने अदालत में कहा था वह बिलकुल सच है। कल रात को हम थोड़ी देर तक बग़ीचे में केवल बैठे ही थे।

[स्वीडिल बाहर के कमरे से आता है]

कोकसन

क्या है?

स्वीडिल

श्रीमती हनीविल।

[सब चुप रहते हैं।]

[ २५८ ]

जेम्स

बुलाओ।

[रुथ धीरे-धीरे भीतर आती है, और फ़ाल्डर के पास एक किनारे स्थिर भाव से खड़ी हो जाती है। बाक़ी तीनों आदमी दूसरी ओर खड़े हैं। कोई बोलता नहीं। कोकसन अपनी मेज़ के पास जाकर काग़जों को देखने के लिए झुक जाता है मानो अवस्था ऐसी ही आ गई है कि वह अपनी पुरानी जगह पर आ बैठने के लिए मज़बूर है।]

जेम्स

[तेज़ आवाज से]

दरवाजा बन्द कर दो।

[स्वीडिल दरवाज़ा बन्द करता है]

हमने तुम्हें इसलिए बुलाया है कि इस मामले में कुछ बातें तै करनी ज़रूरी हैं। मुझे मालूम हुआ कि तुम फ़ाल्डर से अभी हाल में ही फिर मिली हो।

रुथ

जी हाँ, कल ही। [ २५९ ]

जेम्स

उसने अपने बारे में सब बातें हम से कह दी हैं, और हमें उनके लिए बहुत रंज है। मैंने उसे अपने यहाँ काम देने का वादा किया है इस शर्त पर कि वह फिर से नई ज़िन्दगी शुरू करे।

[रुथ की ओर गौर से देखकर]

इसमें केवल ज़रा हिम्मत की ज़रूरत है।

[रुथ अपने हाथों को मलती हुई फ़ाल्डर की ओर देखती रहती है। मानो उसे विपत्ति का आभास हो गया है।]

फ़ाल्डर

वाल्टर साहब ने हमारे ऊपर दया करके कहा है कि वह तुम्हारा विवाह-विच्छेद करा देंगे।

[रुथ चौंक कर जेम्स और वाल्टर की ओर देखती है]

जेम्स

यह तो बहुत कठिन है, फ़ाल्डर। [ २६० ]

फ़ाल्डर

लेकिन साहब—

जेम्स

[गम्भीर होकर]

देखो श्रीमती हनीविल, तुम्हें इनसे प्रेम है?

रुथ

हाँ, साहब, मैं उनसे प्रेम करती हूँ।

[फ़ाल्डर की ओर दुखित नेत्रों से देखती है।]

जेम्स

तब तुम उसके रास्ते का काँटा नहीं बनोगी—क्यों?

रुथ

[कंपित कंठ से]

मैं उसकी सेवा कर सकती हूँ। [ २६१ ]

जेम्स

सब से अच्छी सेवा जो तुम कर सकती हो, वह यह है कि तुम उसे छोड़ दो।

फ़ाल्डर

नहीं, कोई मुझे तुमसे अलग नहीं कर सकता, रुथ। तुम विवाह-विच्छेद करा सकती हो। हममें तुममें और कोई बात तो नहीं हुई है। बोलो।

रुथ

[उसकी ओर न देख कर उदासी के साथ सिर हिलाते हुए]

नहीं।

फ़ाल्डर

हुजूर, जब तक मामला साफ़ न हो जायगा हम एक दूसरे से अलग रहेंगे। हम यह बचन देते हैं। केवल आप हमारी मदद करें। [ २६२ ]

जेम्स

[रुथ से]

तुम सब बातें समझ रही हो न? मेरा मतलब भी तुम समझती हो।

रुथ

[बहुत धीरे से]

हाँ।

कोकसन

[अपने ही आप]

औरत समझदार है।

जेम्स

यह अवस्था भयंकर है।

रुथ

क्या मुझे उसको छोड़ना ही पड़ेगा, साहब? [ २६३ ]

जेम्स

[अनिच्छा से उसकी ओर देखकर]

मैं तुम्हारे ऊपर छोड़ता हूँ। देवी, उसका भविष्य तुम्हारे ही हाथ में है।

रुथ

[व्याकुल होकर]

मैं उसकी भलाई के लिए सब कर सकती हूँ।

जेम्स

[कुछ खुशी से]

यही तो चाहिए। यही तो चाहिए।

फ़ाल्डर

मेरी समझ में कुछ नहीं आता। क्या सचमुच तुम मुझे छोड़ दोगी? कोई और बात है।

[जेम्स की ओर एक क़दम बढ़ाकर]

मैं ईश्वर की क़सम खाकर कहता हूँ कि अभी हम दोनों का सम्बन्ध बिलकुल पवित्र है। [ २६४ ]

जेम्स

मैं तुमपर विश्वास करता हूँ, फ़ाल्डर। तुम भी उसकी तरह हिम्मत बाँधो।

फ़ाल्डर

अभी अभी आप कह रहे थे कि तुम्हारी मदद करेंगे।

[रुथ की ओर ताकता है जो मूर्ति की भाँति खड़ी है। ज्यों ज्यों उसे समस्या का ज्ञान होता है उसके मुँह और हाथ काँपने लगते हैं।]

यह क्या बात है? आपने तो....

वाल्टर

पिता जी!

जेम्स

[जल्दी से]

मत घबड़ाओ, मत घबड़ाओ, फ़ाल्डर। मैं तुम्हें काम देता हूँ। केवल मुझे जानने मत देना कि तुम क्या कर रहे हो।—बस। [ २६५ ]

फ़ाल्डर

[मानो सुना ही नहीं]

रुथ!

[रुथ उसकी ओर देखती है, फ़ाल्डर अपने हाथों से मुँह ढाँक लेता है। सन्नाटा छा जाता है।]

कोकसन

[अचानक]

बाहर कमरे में कोई आया है।

[रुथ से]

तुम जरा भीतर जाओ, दो चार मिनट अकेले रहने से तुम्हें आराम मिलेगा।

[क्लर्क के कमरे की ओर इशारा करता है और बाहर की ओर जाने लगता है। फ़ाल्डर चुप खड़ा रहता है। रुथ डरते-डरते अपना हाथ बढ़ाती है। उसके स्पर्श से फ़ाल्डर सिहर कर पीछे की ओर हटता है। वह दुःखित होकर क्लर्क के कमरे की ओर जाती है। अचानक चौंक कर वह भी पीछे हो लेता है और दरवाजे के भीतर जाकर उसका कंधा पकड़ता है। कोकसन दरवाज़ा बन्द करता है।] [ २६६ ]

जेम्स

[बाहर के कमरे की ओर उँगली दिखाकर]

कोई भी हो अभी भगा दो।

स्वीडिल

[दरवाज़ा खोलकर सहमी हुई आवाज़ से]

सार्जन्ट विस्टर, खुफिया पुलीस।

[डिटेक्टिव कमरे में आकर दरवाज़ा बन्द कर देता है।]

विस्टर

आपको तकलीफ़ दी, माफ़ कीजिए। ढाई साल पहिले आपके यहाँ एक क्लर्क था जिसको मैंने इसी कमरे में गिरफ़्तार किया था।

जेम्स

हाँ, तो क्या हुआ?

विस्टर

मैंने सोचा कि शायद आपको उसका पता मालूम हो।

[संकोचवश कोई जवाब देता]

[ २६७ ]

कोकसन

[हँसकर बात बनाते हुए]

यह बतलाना हमारा काम नहीं है कि वह कहाँ है।—बतलाइए!

जेम्स

आपका उससे क्या काम है?

विस्टर

उसने इधर हाज़िरी नहीं बोली है।

वाल्टर

क्या अभी तक पुलीस से उसका पिंड नहीं छूटा है?

विस्टर

हाँ, हमें उसका पता मालूम रहना ज़रूरी है। खैर, यह कोई ऐसी बात नहीं थी। लेकिन हमें मालूम हुआ है कि झूठे प्रशंसापत्र दिखाकर उसने एक नौकरी कर [ २६८ ]ली थी। दोनों बातें साथ-साथ आ पड़ी। अब हम उसे छोड़ नहीं सकते।

[फिर सब चुप हो जाते हैं वाल्टर और कोकसन कनखियों से जेम्स की ओर देखते हैं जो खड़ा डिटेक्टिव की ओर स्थिर दृष्टि से देखता रहता है।]

कोकसन

[कुछ तेज़ होकर]

अभी हम बहुत व्यस्त हैं और किसी वक्त आइए तब शायद हम बतला सकें।

जेम्स

[दृढ़ता से]

मैं नीति का सेवक हूँ। लेकिन किसी की मुख़बिरी करना मुझे पसन्द नहीं। मुझसे ऐसा काम नहीं हो सकता। अगर तुम्हें उसे गिरफ़्तार करना है तो बिना हमारी मदद के कर सकते हो।

[बातें करते-करते उसकी आँख फ़ाल्डर की टोपी पर पड़ती है जो टेबिल पर पड़ी हुई थी। वह मुँह सिकोड़ता है।] [ २६९ ]

विस्टर

[उसके भाव के परिवर्तन को देखकर शान्त स्वर से]

बहुत अच्छा, साहब। लेकिन मैं आपको होशियार कर देता हूँ कि उसको आश्रय देना....

जेम्स

मैं किसी को आश्रय नहीं देता, लेकिन आप आगे कभी आकर मुझसे ऐसे प्रश्न न कीजिएगा जिनका जवाब देने के लिए हम मजबूर नहीं हैं।

विस्टर

[रूखी आवाज़ से]

खैर, साहब, अब आगे मैं आपको तकलीफ़ नहीं दूंगा।

कोकसन

मुझे दर असल अफ़सोस है कि मैं आपको कोई खबर नहीं दे सकता। खैर, आप तो समझते ही हैं। अच्छा, सलाम! [ २७० ]

[विस्टर जाने के लिए मुड़ता है, लेकिन बाहर की ओर न जाकर क्लर्क के कमरे की ओर बढ़ता है।]

कोकसन

वह नहीं—वह नहीं दूसरा दरवाज़ा।

[विस्टर क्लर्क के कमरे का दरवाज़ा खोलता है, रुथ की आवाज़ सुनाई देती है। वह कह रही है "मान जाओ।" फ़ाल्डर कहता है "नहीं, मैं नहीं मान सकता।" थोड़ी देर सन्नाटा रहता है। अचानक रुथ डरकर चिल्ला उठती है "यह कौन है"? विस्टर भीतर घुस जाता है। तीनों आदमी दरवाज़े की ओर हक्के बक्के होकर देखते हैं।

विस्टर

[भीतर से]

तुम हट जाव।

[वह ज़ल्दी से फ़ाल्डर का हाथ पकड़कर बाहर आता है। फ़ाल्डर का चेहरा बिलकुल सफ़ेद हो गया है, वह तीनों आदमियों की ओर देखता है।]

वाल्टर

ईश्वर के लिए उसे इस बार छोड़ दो। [ २७१ ]

विस्टर

मैं अपने ऊपर यह ज़िम्मेदारी नहीं ले सकता, साहब।

फ़ाल्डर

[एक विचित्र निराशापूर्ण हँसी के साथ]

अच्छी बात है!

[रुथ की ओर एक दृष्टि डालकर वह सिर उठाता है, और बाहर के आफ़िस से निकल जाता है। विस्टर उसके साथ प्रायः घिसटता हुआ जाता है।]

वाल्टर

[व्यथित होकर]

बस, अब कहीं का नहीं रहा। बराबर यही बला सिर पर सवार रहेगी।

[स्वीडिल बाहर के कमरे से ताकता हुआ नज़र आता है। सीढ़ी से नीचे उतरने की आवाज़ आती है। अचानक द्वार पर विस्टर की धीमी आवाज़ "या खुदा!" सुनाई देती है।] [ २७२ ]

जेम्स

यह क्या हुआ?

[स्वीडिल झपककर आगे बढ़ता है, दरवाज़ा भी बन्द हो जाता है। पूरा सन्नाटा छा जाता है।]

वाल्टर

[भीतर के कमरे की भोर बढ़कर]

अरे! यह औरत बेहोश हो रही है।

[वह और कोकसन बेहोश होती हुई रुथ को उठाकर क्लर्क के कमरे के दरवाज़े से बाहर लाते हैं।]

कोकसन

[घबड़ाकर ]

शान्त हो, शान्त हो, मत घबड़ाओ!

वाल्टर

तुम्हारे पास ब्रांडी नहीं है?

कोकसन

मेरे पास शेरी है। [ २७३ ]

वाल्टर

अच्छा, ले आओ जल्दी।

[जेम्स एक कुर्सी खींच लाता है, वाल्टर रुथ को उस पर लिटा देता है।]

कोकसन

[शेरी की बोतल लाकर]

यह लीजिये बहुत तेज़ अच्छी शेरी है।

[वे उसके होठों के भीतर शेरी ढालने की चेष्टा करते हैं। पैरों की आहट पाकर ठहर जाते हैं। बाहर का दरवाज़ा खुलता है। और उसी कमरे में विस्टर और स्वीडिल कोई चीज़ लादकर लाते हैं।]

जेम्स

[तेजी से बढ़कर]

यह क्या है?

[वे उस बोझ को नज़रों से बाहर दफ्तर में उतारते हैं। रुथ के सिवा सब जाकर उसके चारों ओर खड़े हो जाते हैं और दबी ज़बान से बातें करते हैं।] [ २७४ ]

विस्टर

कूद पड़ा—गर्दन टूट गई।

वाल्टर

हा ईश्वर!

विस्टर

यह सोचना पागलपन था कि मुझे झाँसा देकर निकल जायगा। दो चार महीने के सिवा और तो कुछ होता ही नहीं।

वाल्टर

[निराशा से]

बस, इतना ही।

जेम्स

ओफ़! जान ही पर खेल गया।

[अचानक बड़े ही व्यथित कंठ से]

जल्दी जाओ। एक डाक्टर बुला लाओ।

[स्वीडिल दौड़ता है]

[ २७५ ]एक डोली भी लाना।

[विस्टर चला जाता है। रुथ के चहरे पर भय और कातरता का भाव बढ़ता जाता है मानो किसी की बात सुनने की हिम्मत उसमें न हो। फिर धीरे-धीरे उठकर उनकी ओर बढ़ती है।]

वाल्टर

[अचानक उसकी ओर देखकर]

हटो।

[तीनों आदमी रास्ता छोड़कर पीछे हटते हैं। रुथ घुटनों के बल देह के पास गिर पड़ती है।]

रुथ

[धीमी आवाज़ से]

यह क्या? इसकी साँस बन्द हो रही है।

[लाश से लिपटकर]

मेरे प्रियतम! मेरे सुहाग!

[बाहर के कमरे के दरवाज़े पर लोग खड़े नज़र आते हैं।]

[ २७६ ]

रुथ

[उन्मत्त की भाँति खड़ी होकर]

नहीं नहीं, वह मर गए। मत छुओ।

[लोग हट जाते हैं]

कोकसन

[चुपके से बढ़कर बैठे हुए कंठ से]

हाय दुखिया! तुझ पर इतनी विपत्ति!

[अपने पीछे पैरों की आहट सुनकर रुथ कोकसन की ओर देखती है।]

कोकसन

अब उसे कोई नहीं छू सकता और न कभी छू सकेगा। वह अब ईश्वर के शान्तिभवन में सुरक्षित है।

[रुथ पत्थर की भाँति निश्चल होकर दरवाज़ा के पास खड़े हुए कोकसन की ओर देखती है। कोकसन झुककर व्यथित भाव से उसका हाथ पकड़ लेता है जैसे कोई किसी भूले भटके को पथ बताने के लिए पकड़ता हो।]

परदा गिरता है।