पृष्ठ:अंधकारयुगीन भारत.djvu/१६९

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विंध्यशक्ति राजा ( मूर्द्धाभिषिक्त ) सम्राट् प्रवरसेन प्रथम, प्रवीर; ६० वर्ष तक शासन किया ( १३६ ) 1 | . (गौतमी पुत्र) (दूसरा लड़का) (तीसरा लड़का) (चौथा लड़का) 1 (उपराज के रूप में शासन (उपराज के रूप में शासन (उपराज के रूप में शासन करता था) करता था) करता था) रुद्रसेन प्रथम-यह शैशवावस्था में ही, भार-शिव राजा का पोता होने के कारण, भार शिव राजा के रूप में सिंहासन पर बैठा था और अपने प्र-पिता प्रवरसेन के संरक्षण में पुरिका में शासन करता था। बाद में यह चनका में प्रवरसेन का उत्तराधिकारी हुआ था। यह समुद्रगुप्त का सम-कालीन था। पृथिवीषेण प्रथम-यह समुद्रगुप्त और चन्द्रगुप्त द्वितीय का सम-कालीन था और इसने कुन्तल के राजा पर विजय प्राप्त की थी।