पृष्ठ:अंधकारयुगीन भारत.djvu/५६

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( ३२ ) (१) यह राजा संयुक्त प्रांतों में राज्य करता था। ( २ ) इसके सिक्के कौशांबी से निकलते थे, जहाँ ये प्रायः पाए जाते हैं। और इन सिक्कों पर कौशांबी की हिंदू टकसाल के चिह्न और तत्त्व पाए जाते हैं। (३) ये सिक्के उसी वर्ग के हैं, जिस वर्ग के सिक्के डा० स्मिथ ने Coin of Indian Musuem के २३ वें प्लेट पर प्रकाशित किए हैं और जिन्हें उन्होंने "अनिश्चित राजाओं के सिक्के" कहा है ( देखो आगे $ २६ ख )। (५) इसके सिक्के विदिशा-मथुरा के नाग सिक्कों से मिलते- जुलते हैं। (५) इसने कम से कम २७ वर्षों तक राज्य किया था, क्योंकि इसके सिक्कों पर राज्यारोहण-संवत् ६, २० और (६) अपने सिक्कों के कारण एक ओर तो पद्मावती और विदिशा के साथ तथा दूसरी ओर वीरसेन तथा वाले हैं । ये सिक्के अागरा और अवध के संयुक्त प्रांतों में ग्राम तौर पर पाये जाते हैं और इस तरह का एक अच्छा सिक्का, जो पहले मेरे पास था, इलाहाबाद जिले के कोसम नामक स्थान से आया था। इसके ऊपर के अक्षर पुराने ढग के अक्षरों के समान जान पड़ते हैं । प्रो० रैप्सन ने इस पर लिखे हुए अक्षरों का देवस पढ़ा है। पहला जिसका श्राकार विचित्र है, साधारणतः 'ने' पढ़ा गया है, पर शुद्ध पाठ 'दे' जान पड़ता है। पर इस बात का किसी प्रकार पता नहीं चलता कि यह देव कौन था ।' १. विसेंट स्मिथ कृत C. I. M. पृ० २०६ । अक्षर,