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... देव नाग वाकाटकों के प्रभुत्व का आरंभ लगभग सन् २८४ ई. लगभग सन् २७०-२६० ई० । लगभग सन् २६ - ६० ई० चरज व्याघ्र नाग' नाग (सिक्के पर ३०वाँ वर्ष) लगभग सन् २६८-३१० ई० | लगभग सन् २६८-३१५ ई. लगभग सन् ३१५-३४० ई. भव नाग कीत्तिषण लगभग सन् ३१८-३४४ ई [ लगभग सन् ३१५-३४४ ई. लगभग सन् ३४०-३४४ ई० गणपतिनाग रुद्रसेन पुरिका में] नागसेन प्रतिनिधि या गवर्नर के रूप में शासन करनेवाले नाग वंश अहिच्छत्र वंश अंतर्वेदी वंश जिसकी राजधानी श्रघ्न (?) वंश चंपावती वंश संभवतः इंद्रपुर (इंदौरखेड़ा) में थी। ल. सन् ३२४ ३४४ ई० लगभग सन् ३२८-३४८ ई. ल. सन् ३२८-३ ८ ईनाम अज्ञात अच्युत नंदी मतिल नागदत्त ल० सन् ३४८-३६८ ई० महाराज महेश्वर नाग १. कनिघम ने केवल व्याघ्र...हो पढ़ा था; पर प्लेट ( C. M. I. प्लेट २, चित्र नं० २२) मे व्याघ्र नाग लिखा मिलता है । ( ६५ )