पृष्ठ:अजातशत्रु.djvu/३०

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क्या प्रस इसी मागन्धी को, और यौद्धों के साहित्य में वर्णन आम्रपाली (अम्यापाली) को, हम ने कल्पना द्वारा एस में मिलाने का साहस किया है। अम्पापाली पतिता और बेश्या होने पर भी गौतम के द्वारा अन्तिम काल में पवित्र की गई। लिच्छिवियों का निमन्त्रण अस्वीकार करके गौतम ने उसकी मिता स्वीकार की थी। यौद्धों की श्यामावती वेश्या आम्रपाली, मागन्धी और इस नाटक की श्यामा धेश्या का एकत्र सघटने अछ विचिन तो होगा किन्तु भरित्र का विकास और कौतुक बढ़ाना ही इसका उरेश्य है। । सम्राट् भजात राष्ट्र । अजातशत्रु के समय में मगध साम्राम्य रूप में परिणिक हुआ। क्योंकि अग और वैशाली को इसने स्वये विजय किया था। , और फाशी अव निर्षियाद रूप से उसके अधीन हो गया।' फोशनं भी इसका मित्र राष्ट्र था। उत्तरीय भारत में यह इतिहास फाल का प्रथम सम्रा दुश्री। - मथुरा फसमीप परखम गाव में मिली हुई अजातशत्र को मूर्ति देस्त्र फर मिस्टर सायसवाल की सम्मति है कि अजातशत्रु ने सम्भवत परिश्रम में मथुरा तक मी विजय किया था। - लेखक।