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हिन्दू शब्द की व्युत्पत्ति
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यह बात बिलकुल नई है। इसके पहले और किसी ने इसका पता नहीं लगाया।

इससे मालूम हुआ कि हिन्दू-शब्द यवनों की समाप्ति नहीं; उसे मुसलमानों ने नहीं बनाया। ज़ेन्दावस्वा नामक अति प्राचीन और पारसियों के अति पवित्र ग्रन्थ में उसका प्रयोग सबसे पहले हुआ। ज़ेन्दावस्ता ग्रन्थ वेदों का समसामयिक है। प्राचीन पारसी लोग अग्निहोत्री (अग्नि के उपासक) थे। आज कल के पुरातत्वज्ञ उनकी गिनती प्राचीन आर्यों में करते हैं।

अभी तक आपने हिन्दू शब्द का सिर्फ अङ्कु्र देखा। अब देखिए अङ्कुरोत्पन्न वृक्ष और उसके बाद वृक्षोत्पन्न फल।

यहूदियों का धर्मशास्त्र, ओल्ड टेस्टामेंट, ३९ भागों में बँटा हुआ है। अथवा यों कहिए कि उसमें जुदा जुदा ३९ पुस्तकें हैं। उनमें से सत्रहवी पुस्तक का नाम है "दि बुक आफ़ यस्थर" (The Book of Esther) इसका हिब्रू नाम है आज़्थुर। इसके पहले अध्याय मे है-

"Now it came to pass in the days of Ahasuerus. This is Ahasuerus which reigned from India even unto Ethiopia, over an hundred and seven and twenty provinces. Esther, Chapter I. Verse I

अर्थात् अहासुरस् राजा ने इन्डिया से ईथियोपिया तक राज किया। अब इस बात का विचार करना है कि 'इन्डिया' (हिन्दोस्तान) शब्द किस अर्थ का वाचक है। याद रखिए, यहूदियों का