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हिन्दू शब्द की व्युत्पत्ति
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की पहली पुस्तक, जेनोसिस, के दूसरे अध्याय की तेरहवीं आयत में है-

"And the name of the second river is Gihon; the same it is that compasseth the whole of the Ethiopia"

जहाँ पर यह आयत है उसके किनारे टीका में लिखा है कि इथियोपिया को यहूदी लोग कुश कहते थे। मूल हिब्रू में ईथियोपिया नहीं है। उसकी जगह कुश ही है। इसी कुश शब्द ने ग्रीक भाषा में कोश (Cosh)) रूप धारण किया। यह कोश-शब्द चेतना-विशिष्ट पुल्लिङ्ग है। जैसा ऊपर कहा जा चुका है कोश, इथियोपिया राज्य का नाम है। हिब्रू-भाषा की तरह ग्रीक भाषा के व्याकरण के अनुसार भी कोश-शब्द गुणवाचक है। हिब्रू-भाषा में कुश या कोश शब्द का अर्थ सीमा भी होता है और पर्वत भी होता है। इसी कुश या कोश से 'कोः', 'कोहे' शब्द निकले हैं जिनका अर्थ अरबी और फारसी भाषा में पर्वत था। पुराने ज़माने में इस देश की पश्चिमी सीमा हिन्दूकुश-पर्वत था। रघु के दिग्विजय मे, महाभारतोक्त गान्धारी के विवाह-वर्णन में, और पुराने भूगोल मे इस बात का प्रमाण मिलता है कि हिन्दूकुश के आस-पास भारतीय राजो का राज्य था; पर उसके आगे न था। इन्ही कारणों से ग्रीक लोगों ने हन्द् देश की सीमा के, अथवा हन्द् देश के सीमाज्ञापक पर्वत के, अर्थ में इस पहाड़ का नाम "हन्द् कोश" (Hand kosh) रक्खा। यह बात युक्तिसङ्गत् ओर