सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:अद्भुत आलाप.djvu/१०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१०५
पशुओं में बोलने की शक्ति


के कुछ शब्द बोल सकते हैं। परंतु हाल ही में, जर्मनी में, एक ऐसे अद्भुत कुत्ते का पता लगा है, जो विशेष शिक्षा पाए बिना ही मनुष्यों की तरह कुछ शब्दों द्वारा बातचीत कर सकता है। उसकी भाव व्यंजक भाषा केवल तोता-रटंत नहीं, किंतु स्वाभाविक मानसिक विकास का फल है। इस विचित्र कुत्ते ने वैज्ञानिक संसार में हलचल-सी डाल दी है। इसका नाम डान है।

डान ने शैशवावस्था में ही अपनी असाधारण बुद्धिमत्ता का परिचय दिया था। उसके शैशवकाल की बहुत-सी आश्चर्यजनक बातें प्रसिद्ध हैं। कहते हैं, उसको कभी किसी प्रकार की शिक्षा नहीं दी गई। उसमें अन्य गुणों की तरह भाषा का आप-ही-आप विकास हुआ। वह जब चाहता है, तब खुद ही बातचीत करने लगता है, और जप नहीं चाहता, तब हजार कोशिश करने पर भी नहीं बोलता।

जिस समय वह छ महीने का था, उसी समय उसने अर्थयुक्त शब्दों का उच्चारण करके लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था। एक बार वह अपने स्वामी की मेज़ के सामने आकर खड़ा हुआ, और उनकी ओर इस प्रकार देखने लगा, मानो कुछ चाहता हो। मालिक ने पूछा---"क्या तुम कुछ चाहते हो?" उसने स्पष्ट रूप से अपने देश की जर्मन-भाषा में उत्तर दिया--"हाँ, चाहता हूँ।" इस अद्भुत कांड को देखकर मालिक के आश्चर्य की सीमा न रही। उस दिन से वह उसे विशेष आराम से रखने लगे।