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पृष्ठ:अद्भुत आलाप.djvu/१२३

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ग्रहों पर जीवधारियों के होने का अनुमान
१५--ग्रहों पर जीवधारियों के होने का अनुमान

हम सब लोग पृथ्वी पर रहते हैं। पृथ्वीको गणना ग्रहों में है। पृथ्वी पर जब अनेक प्रकार के प्राणी रहते हैं, और वनस्पति उगते हैं, तब और-और ग्रहों पर भी उनका होना संभव है। दूरबीन और स्पेकटास्कोप-नामक यंत्रों के सहारे विद्वानों ने इस बात का अनुमान किया है कि मंगल और शुक्र आदि ग्रहों पर भी प्राणी रह सकते हैं। दूरबीन एक ऐसा यंत्र है, जिसके द्वारा दूर दूर के पदार्थ दिखलाई देते हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस में, कुछ दिन हुए, एक बहुत बड़ी दूरबीन बनी है। उससे देखने से चंद्रमा केवल २० मील की दूरी पर आ गया-सा दिखाई देता है। दूरबीन के नाम ही से यह सूचित होता है कि उससे दूर की वस्तु दिखाई पड़ती है; परंतु स्पेकटास्कोप का उपयोग उसके नाम से नहीं सूचित होता। इस यंत्र के द्वारा आकाश से आए हुए प्रकाश की किरणों की परीक्षा करके इस बात का पता लगाया जाता है कि जिन ग्रहों से प्रकाश की किरणें आई हैं, वे किन-किन पदार्थों से बने हुए हैं। ग्रहों को दूरबीन से देखकर और स्पेकटास्कोप से उनकी परीक्षा करके विद्वानों ने यह अनुमान किया है कि ग्रहों पर बस्ती का होना संभव है।

प्राणियों के जीवन के लिये जल, वायु और उष्णता की अपेक्षा होती है। उनके बिना कोई प्राणी जीता नहीं रह सकता।