अंध-लिपि में पुस्तकें नक़ल करने में जगह बहुत खर्च होती है। अँगरेज़ी के छोटे-छोटे पाँच-पाँच, छ-छ आने के जो उपन्यास बिकते है, उनकी नक़ल करने में एक-एक पुस्तक की आठ-आठ, दस-दस जिल्दें हो जाती हैं। और, जिल्द भी छोटी नहीं—११ इंच चौड़ी और १४ इंच लंबी। बाइबिल की जो नक़ल इस लिपि में की गई है, उसकी ३५ जिल्दें हुई हैं, गिबन नाम के प्रसिद्ध इतिहासकार ने रोम का जो इतिहास अँगरेज़ी में लिखा है, वह ५० जिल्दों में समाप्त हुआ है। शेक्सपियर के नाटकों की कापी करने में भी इतनी ही जिल्दें लिखनी पड़ी हैं।
अंध-लिपि में लिखी गई एक जिन्द में ७५ पन्ने रहते हैं, और उसकी क़ीमत कोई ११ रुपए होती है। ऐसो एक जिल्द की नक़ल करने के लिये कोई ८ रुपए लिखाई दी जाती है। यह काम अक्सर अंधे ही करते हैं, और खासा रुपया कमाते हैं। बाक़ी के तीन रुपए काग़ज और जिल्द-बँधाई वगैरह में खर्च होते हैं। इस प्रकार गिबन के रोमन-इतिहास की क़ीमत कोई साढ़े पाँच सौ रुपए होती है। ऐसी क़ीमती किताबें बेचारे अंधों को सहज में मिलना मुश्किल बात है। इसी मुश्किल को दूर करने के लिये हैम्सटेड में पुस्तकालय खोला गया था। इस पुस्तकालय की कुछ ही दिनों में इतनी तरक़्क़ी हुई कि इसके लिये एक बहुत बड़ी जगह दरकार हुई, और हैम्सटेड से उठाकर उसे वेज़-वाटर-नामक स्थान को लाना पड़ा। इस समय कोई ८००० जिल्द पुस्तकें उसमें विद्यमान हैं। प्रतिवर्ष कम-से-कम ५००