पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/२६

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लज्जा

हाय! हाय! ना, यह मुझसे न होगा! तुम बीबी जी! बड़ी बुरी हो, तुम्हीं न जाओ। वाह! नहीं, तुम मुझे तंग मत करो। मैं तुम्हारे हाथ जोड़ँ, पैरों पडू, देखो-हाहा खाऊँ, बस इससे तो हद है? अच्छा तुम्हे क्या पड़ी है? तुम जाओ। ठहरो मैं भी तुम्हारे साथ चलती हूँ। ना, वहाँ तो नहीं, भला कुछ बात है, इतनी बड़ी हो गई? समझ नहीं आई। कोई तो है नहीं, अकेले हैं। कोई क्या कहेगा? तुम्हे कहते लाज भी नहीं आती। हँसती क्यों हो? देखो यह हँसी अच्छी नहीं लगती। बस कह दिया है-मैं रूठ जाऊँगी।