पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/६३

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डाला, प्राण निकले तो प्राण वचें! ठहरो-अभी खाने की इच्छा नहीं है। ना-अभी नहीं सोऊँगा। सोचने दो, हटो-सब भागो, कोई मेरे पास मत आओ-मेरा ध्यान मत भंग करो, मैं कुछ सोच रहा हूँ। हटाओ, इस बच्चे को हटाओ वरना तमाचा मार दूँँगा। मुझे कोई अच्छा नहीं लगता। स्त्री बीमार है तो भाड मे जाय। बाप मरता है तो मरे। बहन भीख माँगती है तो मॉगे। मैंने क्या सबका ठेका ले रखा है! हटो हटो―मगज मत खाओ। मुझे एकान्त मे छोड़ दो―मुझे सोचने दो-मुझे कुछ सोचने दो―जरूरी काम सोचना है। ओफ! सिर घूमता है। ओफ़...ओफ़।








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