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चन्द्रवंश

उनका आज्ञाकारी था और उसकी मां छोटी रानी शर्मिष्ठा के आग्रह से उसे राज मिला जिसका उदाहरण रामायण में है। जांच से यह विदित होता है कि पूरु को प्रतिष्ठानपुर मिला, परन्तु यदुवंशी भी राज से वर्जित न थे।

१३—शशविन्दु सूर्यवंशी युवनाश्व का समकालीन इसकी बेटी विन्दुमती चैत्ररथी जिसके कई भाई थे, युवनाश्व १ के पुत्र मान्धाता को ब्याही थी।

३०—विदर्भ ने दक्षिण में विदर्भराज्य स्थापित किया। चेदी के राजा भी इसी के वंशज थे। इसकी बेटी अयोध्या के राजा सगर को ब्याही थी।

४७—मधु को पार्जिटर महाशय मथुरा का मधु मानते हैं।