पृष्ठ:अहिंसा Ahimsa, by M. K. Gandhi.pdf/६४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

अहिसा शतावी प्राप्विके लिए जॉहिसात्मक उपायोग उचित वियात रखा जाय । जब हमारे अन्दर ऐसा विश्वास हो जायगा तथ कांग्रेसके अच्तर होनेत्राली सब तू तू मे-मे बन्र हो जायगी, ससाके लिए फिर घ्यथेके क्षगड़े-टण्टे न होंगे ओर एक इुसरेपर फीयड़ उछालनेके बजाय

परस्पर सहावताकी भावना होगी। छेफिन यह हो सकता हैकि काँग्रेसवादी यह विधवास

पारने छगे हो। फि भेरी ज्याध्यावालों जाहिसा अथ विकसमी हो गयी है या उसको प्राप्त फरख संग नहीं है । उस हालतसे फाँग्रेशवादियाँके सब पजोंक्ा एक वमिमासत या अभधियमित राभ्मेलन हो या कांग्रेत महारासितिकी लिश्ेध बे ठक हो, और उसभे इस बातका विचार किया जाय कि कया ऐसा चकक्‍त नहीं जा गया है जब हम अआहसाकी मौति और उसके फलस्थदप बर्न हुए रचतात्मक

कार्यक्रपर फिरसे चिवार करें जोर ऐसा कोई कार्पकन

यगाबे जो फॉप्रेसियोंकों बतेभान सनोब लिकेअनुषूल हो ? यह हरएक फातग्रिरयावीफा काम हुँ किबहु वारीकीके साथ आत्म-निरीक्षण करके इस मुख्य सम्ृस्पापर विचार करें । गिराबंढकी सोतिपर घरुना ने तो कॉँग्रेसके लिए प्रतिष्ठाकी वात है लतइसमें उसकी सुरक्षा ही हूँ । इस परहके सम्मेजजकों में पसगर करूँगा जिससे हम यह भूल जायें कि हुस' अलगअलग बलोंशे संजंधित हूँऔर यह पाद रखें कि हम शुरूसे अन्ततक राष्टृफे ऐसे सेवक है ।

डिल्होंने एक मनसे राष्ट्रको आजावीकी लड़ाई लड़नेको शपथ ले रफ्खी हैँ।आज तो कांग्रेशमें फूट पट रही हूँ, जो हणिज ते होनी चाहिए। हरिज्ञन सेवक

२९ जुलाई, १९३९

युद्ध संबन्धी-प्रस्ताव॑ युद्ध संबंधी शस्तावपर भी मेरी पूरी हार हुई । सुझ्तसे ससविदा तैयार फंरमेके लिए

क्षहा गया था | इसी तरहू प॑० जवाहरछाऊ मेहरूसे भी कहा गया था। अपने ससविवेषर

भुझे गर्च था, पर जल्दी ही भेरा गर्व दूर हो गया । सेंने देखा कि अबतक में दलील और

आग्रहसे काम न छू मेरा प्रस्ताव पास नहीं हो सकता, केकिन ऐसी इच्छा भुजे नहीं थी।

तब हुसने जवाहुरलालजीका पस्ताव सुना और मैंने तुरस्त यहू स्वीकार कर लिया कि

उससें मेरे प्रत्तावसे- भधिक्ष सच्चाई है और वह वेशके, बल्कि सिल्ञाकर कार्य-समितिके सतको अच्छी तरह व्यक्त करता है । मेरा भस्तावतो पूर्णतः भहितापर जाधार रखता था। कांग्रेस अगर दिलसे भहिसापर, उसके पूरे रूपपर विश्वास फरती हो, फिर वह चाहे मीतिके पौरपर

ही क्यों न हो; तो यह उसकी कसौदीका सभय था। लेकिन कुछ व्यवितगत अपवादोंको ८५