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पृष्ठ:अहिल्याबाई होलकर.djvu/१८

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पृथ्वी पर टिका दिया और स्वयं आप भी खड़े हो गए । अपने अगुआ को खड़ा देखकर सब टोळीवाले खड़े हो गए । तब उन्होंने उस दुकानदार को रास्ते पर ही खड़े रहकर आवाज दी कि इन सबको मिठाई खिलाओ । यह सुन बनिये न हँसकर इनकी तरफ हाथ हिला दिया जिसका अभिप्राय यह था कि जाओ, जाओ, यहां तुमको कुछ नहीं मिलेगा । उसके आशय को समझ कर इन्होंने जोर से अपने साथियों को कहा कि लूट लो । लूट शब्द के सुनते ही लड़के दुकान की ओर बढ़ गए। यह देख हलवाई तुरंत दुकान से नीचे उतर हाथ जोड़ सब को मिठाई देने पर तय्यार हो गया। जब सब को मिठाई मिल चुकी तब आपने उसी डंठल को ऊंचा उठा आगे का रास्ता नापा । इस प्रकार ये नित नई कोई न कोई ऐसी बात पैदा करते थे जिससे गाँववाले तंग आकर भोजराज को उलहना दिया करते थे और इनकी माता इन पर अत्यंत क्रोधित हो कभी कभी इनकी ताड़ना भी किया करती थीं ।

एक दिन भोजराज को सांपवाला किस्सा, स्मरण हो आने से उसने अपनी स्त्री से पूछा कि मल्हारी एक दिन राजा होगा, ऐसा सब का अनुमान है, और यह है भी बड़ा निडर और साहसी। यदि पुत्री गौतमा का विवाह इसके साथ कर दिया जाय तो कुछ अनुचित न होगा। तुम्हारी क्या अनुमति है ? इस प्रस्ताव को सुनकर भोजराज की स्त्री के मुँह से एकबार ही निकल गया "गौतमा का विवाह मल्हार के साथ, मैं ऐसे निर्धन और झगड़ालू लड़के को अपनी