पृष्ठ:अहिल्याबाई होलकर.djvu/६८

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पर लगा दिया था । क्या जगत के इतिहास में अहिल्याबाई के गुणों का और प्रजावत्सलता का तथा धर्मपद पर आरूढ़ रहने का गुण हिंदू मात्र के लिये अभिमान का कारण नहीं है ? भारत की पूज्य स्त्रियों की गणना में अहिल्याबाई के नाम को रखना अनुचित न होगा ।

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