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पृष्ठ:अहिल्याबाई होलकर.djvu/९९

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नवाँ अध्याय ।
अहिल्याबाई के शासनकाल में युद्ध ।

जिस समय अहिल्याबाई अपने राज्य का सुख और शांतिपूर्वक शासन कर रही थीं, उस समय उदयपुर के चंद्रावत ने अपनी पुरानी ईर्ष्या तृप्त करने के हितार्थ युद्ध की घोषणा की।

चंद्रवंश में जन्म लेने के कारण इस राणा का नाम चंद्रावत पड़ा था। लगभग छ: सौ वर्ष हुए होंगे कि इसके पूर्व, उदयपुर घराने में एक शूर और प्रतापी राणा मुंशी का जन्म हुआ था। और चंद्रावत इन्हीं राणा का पुत्र था। रामपुर भानपुर में इस वंश के अधिकारी बहुतायत से निवास करते थे और राणा मुंशी की राजधानी इसी स्थान पर थी। चंद्रवंश के राजपूत जिनको सीसोदिया भी कहते हैं, अधिक श्रेष्ठ माने जाते थे। उदयपूर के वंशजों ने कभी अपना मस्तक दिल्लीपति बादशाहों के सम्मुख नीचा नहीं किया था। परंतु राजपूताने के जयपुर, जोधपुर आदि अनेक राजाओं के संबंध में यह बात नहीं थी। उन्होंने मुगल बादशाहों के अधीन हो शरण ली थी। इस कारण उदयपुर के घरानेवाले उनको अपने से छोटा मानने लगे थे। उस समय उदयपुर के राणा ने जयपुर, जोधपुर के राजाओं से ऐसा ठहराव किया था कि सीमोदिया वंश की लड़की जब इन घरानों में ब्याही जाय और उसको पुत्रमुख देखने का सौभाग्य प्राप्त हो तब-