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पृष्ठ:आग और धुआं.djvu/८७

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बधिक की तरफ मुंह करके कहा-“मैं तुमसे भी यही विनती करता हूँ। जरा सी देर की बात है, फिर मैं तुम्हारा ही हो जाऊंगा।"

चार्ल्स झुक गये। क्रास का संकेत हुआ। उन्होंने तख्त को चूमना चाहा।

उन्होंने फ्रेंच भाषा में कहा-“अथस! क्या तुम वहाँ हो? मैं बोल सकता हूँ?"

अथस के हृदय को इस आवाज ने ठेस पहुँचाई। उसने कांपते हुए कहा-"हाँ श्रीमान।"

"दोस्त, मैं अब किसी प्रकार भी बच नहीं सकता। मैंने ऐसे पुण्य ही नहीं किये थे। मैं इन सबसे बोल चुका हूँ, ईश्वर से भी बोल चुका हूँ, अब अन्त में तुमसे बोलता हूँ। एक पवित्र हेतु को दृढ़ रखने के कारण ही मेरे पूर्वजों की, मेरे बच्चों की राजगद्दी मुझसे छीनी जा रही है। सोने की एक लाख मोहरें न्यूकासिल की छत में, वहाँ से चलते समय छिपाकर रख दी थीं। इस रुपये से तुम मेरे बड़े बेटे की व्यवस्था करना। अथस! अब विदा दो।"

"विदा। बलिदान होने वाले पवित्र राजा, विदा।" अथस ने काँपती हुई आवाज में धीरे से कहा।

कुछ देर तक सन्नाटा रहा। फिर राजा ने गरजती आवाज में कहा-"सावधान।"

कठिनता से यह शब्द निकले होंगे कि एक भयानक चोट से पाड़ हिल गई। नीचे की धूल उड़ने लगी। तुरन्त ही अथस ने अपना सिर उठाया। खून की गरम बूंद उसके मस्तक पर पड़ी। पर वह अन्दर हो गया। खून की बूंदें अब जमीन पर गिर रही थीं।

अथस घुटने के बल गिर पड़ा; और थोड़ी देर तक पागलों की भांति पड़ा रहा। कोलाहल कम हो गया था, भीड़ चली गई थी। अथस फिर उधर चला और अपने रूमाल का छोर मृतक राजा के खून से रंग लिया। भीड़ कम होती जा रही थी। वह नीचे उतरा। कपड़े को खोला और दो घोड़ों के बीच में धीरे-से खिसककर भीड़ में मिल गया।

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