पृष्ठ:आनन्द मठ.djvu/१९८

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९–खाद
लेखक श्रीयुक्त मुख्तारसिंह वकीख

मारत कृषिप्रधान देश है। कृषि के लिये खाद सबसे बड़ा आवश्यकीय पदार्य है। बिना खाद के पैदावार में कोई उन्नति नहीं की जा सकती। यूरोप वाले खादके बदौलत ही अपने खेतों में दूनी चौगुनी पैदावार करते है। इसलिये इस पस्तक में खादों के भेद तथा किन अनों के लिये कौन सी खादकी आवश्यकता होती है इनका बड़ी उत्तमता से वर्णन किया गया है, चित्रों द्वारा भली प्रकार दिखलाया गया है। इसे प्रत्येक कृषक तथा कृषिप्रेमियों को अवश्य रखना पहिये। मूल्य सचित्र और सजिल्दका १)

१०–प्रेम-पूर्णामा
लेखक उपन्यास-सम्राठ् श्रीयुक्त "प्रेमचन्द"

प्रेमचन्दजी की लेखनी के सम्बन्ध में अधिक लिखने की आवश्यकता नहीं है। जिन्होंने उनके "प्रेमाश्रम" "सप्तसरोज" और "सेवासदन" का रसास्वादन किया है उनके लिये तो कुछ लिखना व्यर्थ है। प्रत्येक गल्प अपने २ बाकी निराली है। ज़मींदारों के अत्याचार का विचित्र दिग्दर्शन कराया गया है। भाषा और भाव की उत्कृष्टता का अनूठा संग्रह देखना हो तो इस ग्रन्थ को अवश्य पढ़िये। इसमें श्रीयुक्त "प्रेमचन्द"जी की १५ अनूठी गरूपों का संग्रह है। बीच बीच में चित्र भी दिये गये हैं। खादी की सुन्दर सजिल्द पुस्तक का मूल्ब २)

११–आरोग्यसाधन
लेखक म° गांधी

बस, इसे महात्माजी का प्रसाद समझिये। यदि आप अपने शरीर और वनको प्राकृत रीतिके अनुसार रखकर जीवन को सुखमय बनाना चाहते हैं, यदि आप मनुष्य-शरीर को पाकर संसार में आनन्द के साथ कुछ कीर्ति कमाना चाहते हैं तो महात्माजी के अनुभव किये हुए तरीके से रहकर अपने जीवन को सरल, सादा और स्वाभाविक बनाइये और रोगमुक्त होकर आनन्द से जीवन विताइये। तीसरा संस्करण, १३० पृष्ठकी पुस्तक का दाम केवल ।-)